31.6 C
RAIPUR
Friday, April 19, 2024
Home साहित्य विचार और विमर्श

विचार और विमर्श

छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक वैभव के विविध रूप – भोजली तिहार

छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक वैभव - भोजली गीत की परंपरा आलेख- डॉ विवेक तिवारी लोक गीतों का साहित्य एवं अनुसंधान दोनों दृष्टियों से महत्व है। छत्तीसगढ़ अंचल ऐसे...

भला इंसान अंत तक भला ही रहता है – लालसिंह चड्ढा

हम सबमें एक लालसिंह चड्ढा हो - पीयूष कुमार विगत 11 अगस्त 2022 को रिलीज हुई फ़िल्म ' लालसिंह चड्ढा ' आमिर खान की फ़िल्म...

सेंट्रल विस्टा के नई संसद की छत के शेर, देश की विरासत राजकीय चिन्ह...

अपराध की श्रेणी में आता है देश के राष्ट्रीय चिन्ह से छेड़छाड़ आलेख-विजय शंकर सिंह July 12, 2022, विगत11 जुलाई को दिल्ली में नई राजधानी के...

कोलंबिया में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से बदलते वैश्विक हालात का एहसास

कोलम्बिया राष्ट्रपति चुनाव ; हमे क्यों खुश होना चाहिए ? आलेख- बादल सरोज कोलम्बिया नाम के देश की राजधानी बोगोटा हमसे 8,246 मील यानी 13,271 किलोमीटर की...

जुलाई से राज्यों को जीएसटी का झटका बहुत तेज लगेगा, आय के विकल्प सीमित

आने वाले जुलाई 2022 से राज्यों को जीएसटी का झटका बहुत तेज लगेगा क्योकि ब्यूरो रिपोर्ट( इंडिया न्यूज रूम) आने वाले महीने जुलाई के बाद...

क्यों जरूरी है आज मलयाली फ़िल्म ” जन गण मन” देखना?

मलयाली फ़िल्म  जन गण मन में उठाये गए हैं आज के सवाल , ऐसे सवाल जो समाज के हर वर्ग को एकदम करीब और...

छत्तीसगढ़ की फ़िल्म बैलाडीला कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में

'बैलाडीला' कॉन्स फ़िल्म फेस्टिवल में पहुंच चुकी है बता रहे हैं कवि ,लेखक तथा समीक्षक पीयूष कुमार रायपुर, 16 मई 2022 . छत्तीसगढ़ के सिनेमा...

कबीर, फ़िराक, मुक्तिबोध को कोर्स से हटाने की मजबूरी समझें

फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला! (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा) ये लो, कर लो बात। अब मोदी के विरोधियों को सीबीएसई के पढ़ने वाले बच्चों...

डॉ आंबेडकर को संविधान निर्माण तक सीमित करना सही नही

अम्बेडकर को कमज़ोर करने की कोशिशें नाकाम करें- आलेख- सुसंस्कृति परिहार आजकल गांधी, नेहरू और भगवान राम की तरह भीमराव अम्बेडकर को भुनाकर उन्हें कमज़ोर...

गांधीवाद फिर खतरे में – चुनाव के बाद की परिस्थितियों पर विमर्श

5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में प्रसिद्ध लेखक-पत्रकार राकेश अचल का बढ़िया आलेख- गांधीवाद फिर खतरे में? -राकेश अचल विधानसभा चुनावों में हार-जीत की गर्द...