रायपुर जिला के 8699 किसानों को फसल बीमा का मिला लाभ 7 करोड़ रुपए का हुआ भुगतान

रायपुर। जोरदार बारिश हो या आकाशीय बिजली की गडग़ड़ाहट, किसान अपनी जान की परवाह किए बिना खतरों के बीच दो जून की रोटी के लिए हर वक्त परिश्रम की बूंदे बहाता है। वह बड़ी मेहनत से सबके लिए अन्न उगाता हैं। उन्हें पीड़ा तो तब होती है जब वे खेत पर हल चलाते है और बड़ी ही उम्मीद के साथ यह सोचकर बीज बोते है कि इस बार फसल अच्छी होगी, कुछ धान बेचकर वह अपना कर्ज चुका देगा,कुछ पैसे बचाकर घर के लिए जरूरी सामान खरीदेगा, लेकिन जब बादल ठीक से बरसते नही,तेज धूप फसल सूखा जाती है और कभी खड़ी फसल बे मौसम बारिश और ओले की चपेट में आकर चैपट हो जाती है तो अपनी सपनों को चंद मिनटों में टूटते देख किसानों के मन में क्या से क्या विचार उत्पन्न होता होगा ,ये तो वो ही जानते है।

जब महिला किसान श्रीमती नीरजा की फसल अल्प वर्षा से खेत पर ही सूख गई, तो उनके लिए तो मानो दु:खो का पहाड़ ही टूट पड़ा था। अपनी रोजी – रोटी के लिए चिंतित किसानों को सरकार का सहारा न मिलता तो न जाने क्या से क्या हो जाता? यदि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के हित में कदम न उठाया गया होता तो किसानों के पास फिर से उठ खड़े होने का कोई विकल्प न था लेकिन सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी के साथ ही विपरीत परिस्थितियों में फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई फसल बीमा के माध्यम से करने का जो बीड़ा उठाया गया है उससे श्रीमती नीरजा जैसे ललित साहू,भैरव ,सरला किसानों को कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉक डाउन के दौर में भी मुस्कुराने का मौका दिया है। रायपुर जिला में 8699.किसानों को 7 करोड़ रुपए की फसल बीमा की राशि प्रदान की जा चुकी है।

तिल्दा विकासखंड के ग्राम सगुनी की कृषक श्रीमती चित्रलेखा कश्यप,खैरखूँट के कृषक भैरव हनुमंता, श्रीमती सरला शुक्ला,ललित ने कहा कि वर्तमान में सम्पूर्ण राज्य के साथ-साथ जिले में कोरोना संक्रमण के कारण अतिआवश्यक कार्यो को छोड़कर उद्योग,व्यवसाय,सभी काम रुक सा गया है।सरकार द्वारा संक्रमण के इस दौर में राहत के लिये बहुत सारे कदम उठाए गए है।ग्रामीण मजदूरों के लिए मनरेगा के तहत काम उपलब्ध कराया गया है।इसी तरह किसानों को असमय हुए वर्षा,अल्प वर्षा अथवा सूखे के कारण जो फसल क्षति हुई उसकी बीमा क्षतिपूर्ति राशि मिलने पर राहत मिली है।फसल उपज की सुरक्षा के लिए फसल बीमा योजना प्रमुख आधार बना है।

इसी तरह ग्राम मोहदा के कृषक सूर्यप्रकाश,खैरखूँट के श्रीमती रूखमणी वर्मा,श्रीमती नीरजा ने कहा कि सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की गई है,इसकी अंतर राशि को मई माह में दिए जाने से किसानों को बहुत राहत मिलेगी । सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा,गरवा, घुरूवा और बारी से आधारभूत ग्रामीण जनजीवन को बल मिला है।किसानों की खेती वर्षा पर निर्भर है।जिन क्षेत्रों में सिंचाई के साधन उपलब्ध है,वहा फसल की उपज हो जाती है।ऐसे क्षेत्र जहाँ कृषि पूर्णत: वर्षा पर निर्भर है,वहाँ फसल की उपज प्रभावित होता है।ऐसी स्थिति में किसान के आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो जाता है। सिंचित क्षेत्रो में वृद्धि करने के लिए सरकार द्वारा मृतप्राय: नरवा का पुनरुद्धार किया जा रहा है।किसानों के आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में योजनाए काफी मददगार साबित होगी
रायपुर जिले के किसानों को खरीफ-2019 का लॉक डाउन के दौरान फसल बीमा की राशि दिया जा रहा है।जिले के 8699 कृषको को साढे 7करोड़ रुपये भुगतान किया जाएगा। अभी तक7966 किसानों को 6 करोड़ 55 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। फसल बीमा के तहत जिले के तिल्दा विकासखंड के1547,अभनपुर के 669,आरंग के 3756 और धरसींवा के 2727 किसान लाभांवित हुए हैं ।

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