3 महीने से 7 साल तक की सजा का अध्यादेश लाएगी सरकार .

आज शाम आई एम ए करने वाला था प्रदर्शन मोमबत्तियां जला कर, गृह मंत्री से चर्चा के बाद स्थगित किया गया

नयी दिल्‍ली केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर बताया कि आरोग्यकर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी. प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा. जावड़ेकर ने बताया कि स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के खिलाफ हमला करने वालों को 3 महीने से 5 साल तक सजा होगी.

जावड़ेकर ने बताया अगर स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों पर गंभीर हमला है तो हमलाकर्मी को 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा हमलावर को जुर्माना के रूप में 1 लाख से 5 लाख तक देना होगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया अगर स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों की गाड़ी को या क्लिनिक को कोई नुकसान पहुंचाता है तो उस स्थिति में हमला करने वालों से जो बाजार वेल्‍यू होगा उसका दोगुनी रकम उससे वसूला जाएगा.: देश में इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. कोरोना संकट के दौरान कई जगहों से स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं. इस मामले पर केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. अब मेडिकल टीम पर हमला करने वालों को इसके लिए कड़ी सजा दी जाएगी.

जावड़ेकर ने बताया राष्ट्रीय महामारी कानून के तहत (बदलाव करके) अध्यादेश लागू किया जाएगा, जिसके तहत डॉक्टरों पर हमला गैरजमानती अपराध होगा. 30 दिन में जांच पूरी होगी. एक साल में फैसला आ जाएगा और कड़ी सजा यानी 3 महीने से 5 साल कैद की सजा हो सकती है. 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना देना पड़ सकता है. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया मोदी सरकार ने पहले ही स्वास्थ्य कर्मियों के 50 लाख के इंश्योरेंस का फैसला किया था; देश में कोई भी कोविड अस्पताल नहीं था और अब 723 नये कोविड अस्पताल हैं. इसके पहले आज केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह और केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डॉक्टरों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
गृह मंत्री ने डॉक्टरों की अहम भूमिका, विशेष रूप से कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में, की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि सभी डॉक्टर इस लड़ाई में समर्पित रूप से काम करना जारी रखेंगे, जैसा कि वे अब तक कर रहे हैं। उन्होंने डॉक्टरों द्वारा कोविड-19 जैसी घातक बीमारियों से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उनके समर्पण और बलिदान को नमन किया।

कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में उनकी सुरक्षा के बारे में डॉक्टरों की सभी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि मोदी सरकार उनकी भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
शाह ने स्वास्थ्य कर्मियों पर हाल के हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि प्रधानमंत्री डॉक्टरों के सभी मुद्दों और चिंताओं का बारीकी से संज्ञान ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक इंतज़ाम किए जाएंगे। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध भी न करें, क्योंकि यह राष्ट्रीय और वैश्विक हित में नहीं है।

केंद्र सरकार से तत्काल उच्च स्तरीय प्रतिक्रिया और केंद्रीय गृह एवम स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासन को ध्यान में रखते हुए, आईएमए ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को निर्बाध रूप से बनाए रखने के लिए प्रस्तावित विरोध वापस ले लिया है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव, वरिष्ठ चिकित्सक और नीति आयोग के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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