कांकेर। महासमुंद के 20 से 22 हाथियों का झुंड चंदा गंगरेल के डुबान क्षेत्र में विचरण करते हुए नरहरपुर ब्लॉक के ग्राम मुरुमतरा,बगडोंगरी करियापहर के जंगलों में पंहुच गये,जिससे आस-पास क्षेत्रों अफरा तफरी मच गई थी। वहीं में रात्रि में बागडोगरी पंचायत के गांव में कई घरों के केला बाड़ी को अपना आहार भी बनाया व मुरुमतरा झुरा नाला से पानी पीकर वापस धमतरी डिवीजन पार कर जंगल में चले गए है। लेकिन खतरा अभी टला नही है। देर रात इनके आगे जाने की खबर से स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

गौरतलब है कि तीन चार दिन से हाथियों का बड़ा दल जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहा है, पहले यह दल मगरलोड क्षेत्र में दिखाई दिया था। इसके बाद उन्हें केरेगांव क्षेत्र के जंगल अरौद हरफर डूबान में भी देखा गया अब इन हाथियों की मौजूदगी रात से दोपहर तक नरहरपुर ब्लॉक के जंगलों में देखी जा रही थी लेकिन दोपहर बाद वे फिर उसी दिशा में लौट गए हैं। हालांकि वन विभाग की टीम भी लगातार हाथियों के दल पर दिन भर नजरें गड़ाए हुए थे। वहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सतर्कता बरतने की मुनियादी भी करा दी गई है।

रात में मशाल जलाकर रखने व कच्चे मकान वालों को भी खास एहतियात बरतने कहा गया है। इस संबंध में वन परीक्षेत्र अधिकारी कैलाश ठाकुर ने बताया कि हाथियों का दल नरहरपुर ब्लॉक के मुरुमतरा करियापहर क्षेत्र के जंगलों में मौजूद था लेकिन अभी उनका दिशा धमतरी जिले के पहारियाकोंहा के जंगलों की तरफ है। वन विभाग उन पर निगरानी रखे हुए है, वहीं आस-पास के गांव वालों को सतर्क रहने को कहा गया है।

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