जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) ने अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस (कोविड-19) मरीजों की मृत्यु दर में बहुत मामूली कमी होने अथवा कोई कमी नहीं आने के कारण लोपिनावीर / रिटोनावीर दवा के सॉलिडरिटी ट्रायल पर रोक लगाने की घोषणा की है।
डबल्यूएचओ ने शनिवार को बयान जारी कर कहा, डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रोक्सीक्लोरोच्ीन और लोपिनावीर / रिटोनावीर दवा के परीक्षण पर रोक लगाने की अंतरराष्ट्रीय परिचालन समिति की अनुशंसा आज स्वीकार कर ली। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह फैसला इन दवाओं के सॉलिडरिटी ट्रायल के आंतरिक नतीजों के मद्देनजर लिया गया है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, हाइड्रोक्सीक्लोरोच्ीन और लोपिनावीर / रिटोनावीर दवा के इस्तेमाल के बाद आए आंतरिक नतीजों से पता चला है कि इसके कारण अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर में मामूली कमी हो रही है या कोई कमी नहीं हो रही है। इन दवाओं का सॉलिडरिटी ट्रायल तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।
संगठन का यह फैसला हालांकि सिर्फ अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर लागू होगा। मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व या अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद इसको लेकर होने वाले अध्ययन पर असर नहीं पड़ेगा। संगठन ने अस्पताल में भर्ती मरीजों पर इसके असर का पता लगाने के लिए मार्च में इसका सॉलिडरिटी ट्रायल करने की शुरुआत की थी।

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