रायपुर। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नागपंचमी का आयोजन किया जा रहा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प का योग होता है उनके द्वारा नाग देवता की विधिवत पूजा करने से न केवल नागदेवता का आशीर्वाद मिलता है अपितु भगवान भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं। नागपंचमी के दिन श्रद्धालुओं द्वारा शनिवार 25 जुलाई को सुबह से शाम तक नाग देवता को दूध पिलाया जाएगा एवं उनकी विधिवत पूजा की जाएगी। ऐतिहासिक मान्यता के अनुसार भारत में नाग पंचमी के दिन विभिन्न अखाड़ों के पहलवानों द्वारा मल्ल युद्ध/कुश्ती का आयोजन भी किये जाने की प्राचीन परंपरा रही है। इस वर्ष कोरोना वायरस कोविड 19 की महामारी के कारण शहर के पुरानी बस्ती, रावणभाठा, गुढिय़ारी, रामसागर पारा एवं अन्य स्थानों पर क्रीडा समितियों द्वारा आयोजित नागपंचमी के अवसर पर कुश्ती का आयोजन इस वर्ष रद्द कर दिया गया है। सरस्वती क्रीड़ा समिति जैतुसाव मठ के पास स्थित अखाड़े के वरिष्ठ सदस्य रमेश यदु ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी के कारण वर्षों की ऐतिहासिक परंपरा अखाड़े में कुश्ती का आयोजन इस वर्ष रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कुश्ती प्रेमी दर्शकों से आयोजन नहीं होने पर दुख प्रकट करते हुए अपने ही घरों में रहकर अनावश्यक लाकडाउन के दौरान सड़कों पर नहीं घूमने फिरने की अपील की है।