वॉशिंगटन। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का एक साल पूरा होने जा रहा है। पाकिस्तान इसको लेकर नए पैंतरे आजमा रहा है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में भारत ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर से पाकिस्तान पर बड़ा हमला बोला है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति के मुताबिक- पाकिस्तान आज भी आतंकवाद का केंद्र है। वहां अब भी 40 हजार से ज्यादा आतंकवादियों को तमाम सहूलियतें दी जा रही हैं। कश्मीर अंतरराष्ट्रीय नहीं, बल्कि दो देशों के बीच का मामला है। इसे बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने यूएन की उस रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें विदेशी आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान की भागीदारी को दोहराया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आतंकियों की अफगानिस्तान में उपस्थिति है जो वहां आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं।

त्रिमूर्ति ने सोमवार को कहा कि जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन लगातार पाकिस्तान से अपना अभियान चलाए हुए हैं। उन्होंने कहा, यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान आतंकवाद का बड़ा केंद्र है। पाकिस्तान सबसे ज्यादा सूचीबद्ध आतंकवादियों और आतंकी गुटों का घर है इसमें जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन शामिल हैं।
त्रिमूर्ति ने कहा कि ये संगठन लगातार पाकिस्तान में अपना अभियान चलाए हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र और उसकी रिपोर्ट में यह बार-बार कहा गया है कि पाकिस्तानी आतंकवादी विदेशों में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं। यूएन की रिपोर्ट के हवाले से त्रिमूर्ति ने कहा कि अलकायदा और आईएस जैसे आतंकवादी संगठनों के लिए नेतृत्व करने वाले और पैसा पाकिस्तान से आ रहा है।
उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में इस समय 40 हजार आतंकवादी हैं। त्रिमूर्ति ने कहा कि पाकिस्तान द्विपक्षीय मुद्दों को लंबे समय से ही अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास करता रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कश्मीर के मुद्दे को यूएन में घसीटने का पाकिस्तान का प्रयास सफल नहीं होगा।

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