कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग हर दिन या कहिए कि दिन में कई-कई बार अपने हाथों के साथ ही अपने मोबाइल फोन को भी सैनिटाइज कर रहे हैं। लेकिन सैनिटाइजेशन का सही तरीका ना पता होने के चलते जहां बड़ी संख्या में फोन खराब होने की शिकायत मिल रही है, वहीं, बहुत अधिक मात्रा में सैनिटाइजर के उपयोग से लोगों में कैमिकल इफेक्ट के चलते मितली आना, मूड खराब होना और चिढ़चिढ़ापन बढऩे जैसी समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं…
सैनिटाइजर से क्यों डेड हो रहे मोबाइल?
-मार्केट में मोबाइल फोन रिपेयरिंग सेंटर्स पर इस तरह की शिकायतें लेकर हर दिन लोग पहुंच रहे हैं कि उनका फोन स्विच ऑन नहीं हो रहा है। आवाज कम आ रही है, डिस्प्ले खराब हो गया है या टच स्क्रीन काम नहीं कर रही है।
-ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अपने मोबाइल को सैनिटाइज करते समय ज्यादातर लोग स्प्रे बॉटल या स्प्रे जेल का उपयोग करते हैं और फोन को पकड़कर उसके चारों तरफ स्प्रे कर देते हैं।
-इस प्रॉसेस के दौरान, फोन के अंदर नमी यानी मॉइश्चर चला जाता है। इससे फोन के अंदर का सिस्टम गड़बड़ाने लगता है। जब यह प्रक्रिया दिन में 3 से 4 या इससे भी अधिक बार दोहराई जाती है तो फोन का मदर बोर्ड नमी के कारण काम करना बंद कर देता है।
फोन को डेड होने से कैसे बचाएं?
– सैनिटाइजर से मोबाइल फोन साफ करने से मोबाइल डेड हो रहे हैं, इसके लिए सैनिटाइजर या मोबाइल नहीं बल्कि उन्हें साफ किए जाने का तरीका जिम्मेदार है। आप अपने फोन को क्लीन करने के लिए मार्केट से एल्कोहॉल बेस्ड वाइप्स ले सकते हैं।
-ये वाइप्स ना केवल आपके फोन में नमी जाने से रोकेंगे बल्कि सांस के जरिए बॉडी के लिए हार्मफुल कैमिकल्स को भी अंदर जाने से रोकेंगे। साथ ही आपका फोन भी जल्दी ड्राई हो जाएगा। इससे चेहरे पर जलन की समस्या नहीं होगी।
हमारी आदतें और फोन का उपयोग
-एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक व्यक्ति दिन में कम से कम 2 हजार 6 सौ बार अपना मोबाइल फोन छूता है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स मोबाइल फोन को संक्रमण का बड़ा जरिया मानते हैं।
-ना केवल अन्य वायरस, बैक्टीरिया बल्कि कोरोना संक्रमण के लिए भी मोबाइल एक बड़ा वाहक (कैरियर) साबित हो सकता है। इसलिए इसे नियमित रूप से सैनिटाइज करना बेहद जरूरी है।
मितली और इरिटेशन से बचने का तरीका
-मोबाइल को वाइप्स, कॉटन या सूती कपड़े पर एल्कोहॉल बेस्ड सैनिटाइजर लगाकर साफ करने से एक तो आपका मोबाइल खराब नहीं होगा। साथ ही जल्दी सूखेगा।
-कुछ लोगों को सैनिटाइजर बनाने में उपयोग किए जानेवाले केमिकल्स से एलर्जी होती है। इससे उन्हें मन खराब होना, मितली आना (जी मिचलाना) या गुस्सा आने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। ऐसा किसी खास स्मेल को लेकर बहुत अधिक संवेदनशील होने के कारण होता है।
गाल और नाक में जलन या खुजली होना
-गाल पर इचिंग या जलन होने की समस्या भी कुछ लोगों को हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप सीधे मोबाइल पर स्प्रे करने के बाद तुरंत फोन का उपयोग करने लगते हैं। इससे फोन की स्क्रीन पर लगा सैनिटाइजर आपकी स्किन पर लग जाता है और आपको यह दिक्कत हो सकती है।
-वहीं जो लोग स्मेल के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं, बहुत अधिक मात्रा में सैनिटाइजर का उपयोग उनकी नाक में खुजली या असहजता की वजह बन सकता है।
समस्या से बचने के लिए क्या करें?
-आपकी सांसों और आपकी त्वचा पर सैनिटाइजर के कैमिकल्स का गलत प्रभाव ना पड़े इससे बचने के लिए आप फोन को वाइप के माध्यम से सैनिटाइज करने के बाद, उसे 5 मिनट के लिए उपयोग ना करें। इस दौरान फोन को सही तरीके से सूखने दें।
-हालांकि सैनिटाइजर पूरी तरह सुरक्षित होते हैं और उन्हें इस बात का पूरा ध्यान रखते हुए बनाया जाता है कि त्वचा पर किसी तरह की समस्या ना हो। लेकिन कुछ लोगों की स्किन कुछ खास केमिकल्स या रसायनों को लेकर अतिसंवेदनशील होती है, इस कारण ऐसी समस्या देखने को मिलती है।

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