रायपुर. कल के पत्र में कुल 16 लोगों ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उनके मुखिया राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि फिलहाल मैं कोई कारण नहीं बता सकता, लेकिन यह मानिए की कोई तकनीकी दिक्कत रही है. अब हम बीजेपी के साथ नहीं है. जो लेटर मीडिया में जारी हुआ है, वह सही है. आगे राजनीति में बने रहेंगे या नहीं अभी कुछ नहीं कह सकते.

इस इस्तीफे को कुछ लोग नए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष  विक्रम उसेंडी के   लिए झटका मान रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हाल ही में बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व बदलते हुए धरमलाल कौशिक की जगह विक्रम उसेंडी को कमान सौंपी थी. उसेंडी को लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही कमजोर होते कैडर को मजबूत करने की जवाबदारी दी गई थी, लेकिन नेतृत्व संभालते ही उन्हें यह पहला बड़ा झटका लगा है. जिस जोरशोर के साथ रिटायर्ड अधिकारियों का बीजेपी प्रवेश कराया गया, अब उन चेहरों ने ही पार्टी से अपने को किनारा कर लिया है. राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस तरह से पार्टी छोड़ने की खबरें बीजेपी की सेहत के लिए ठीक नहीं है.
रायपुर के अवसरवादी गिरोहों का सत्ताच्युत भाजपा से मोहभंग होने का सिलसिला जारी है. जोगी बैसाखी पर सवार भाजपा सरकार के मज़े लूटने वाले फूल छाप कांग्रेसी पहले जनता कांग्रेस से निकले फिर कुछ दिनों की चुप्पी के बाद सत्त्तारुढ कांग्रेस में लौटे , आज की खबर में सेवानिवृत्त नॉऊकरशाहो की टीम है जो बाकायदा अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा प्रवेश करके सत्ता की मलाई चाटने को लालायित थी, अब सरकार कांग्रेस की बनने से तत्काल पाला बदल चुकी है.
इसके लक्षण भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनते ही किसी न किसी बहाने इन तत्वों को सी एम के अस्थाई आवास में चक्कर लगाते देख कर समझ आ गया था, अब उस अभियान की आधिकारिक घोषणा की गई है, ज्यादा नही एक दो हफ्ते में इनके कांग्रेस प्रवेश की घोषणा भी आप तक पहुँच ही जाएगी, जो लोग कल तक आर एस एस के साथ कंधे से कंधा मिला कर सरकारी फंड का दोहन कर रहे थे वे अब कांग्रेसी बन कर मलाई चाटते दिखेंगे यही बेशरर्मी है राजनीतिक क्षेत्र की.

अवसर वादिता के इस चरम स्वरूप को देखते हुए ये माना जा सकता है कि ऐसे अनुभवी नॉकरशाह  इस मनोवृत्ति को ले कर कांग्रेस के लिये भी परजीवी वनस्पति ही सिद्ध होंगे जो कांग्रेस के लिये भी अंततः हानिकारक ही सिद्ध होंगे.

न कोई राजनैतिक वैचारिक प्रतिबद्धता न कोई निष्ठा,

सिर्फ अवसरवादिता का पार्टी प्रवेश ऐसे तत्वों का भंडाफोड़ करना जरूरी है.

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