कई लोग खाना खाने बैठते हैं तो इतना जल्दी पूरा भोजन खत्म कर देते हैं कि देखकर ही आश्चर्य होता है. कई लोगों में तेजी से खाने की आदत होती है और वे इस बात पर गर्व करते हुए भी दिखाई देते हैं, लेकिन तेजी से खाना किसी भी मायने में सही नहीं है. वैज्ञानिक रूप से, तेजी से खाने से व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं और निश्चित रूप से इसे रोकने की जरूरत होती है. ज्यादा तेजी से खाने का मतलब यह हो सकता है कि पांच मिनट से भी कम समय में नाश्ता या दोपहर का भोजन खत्म कर देते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक शोध में कहा गया है कि ज्यादा तेजी से खाने का मतलब है कि मोटापा ग्रस्त होने या मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम विकसित होने की आशंका अधिक है. ये दोनों दिल की बीमारी, मधुमेह और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं.
तेजी से खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. जब भोजन को चबाने के बजाय निगल लेते हैं या इसे आसानी से पचने वाले टुकड़ों में तोडऩे के लिए पर्याप्त रूप से चबाते नहीं हैं तो एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी कई पाचन समस्याओं को आमंत्रित करते हैं.

तेजी से खाने से वजन बढ़ता है. पाचन प्रक्रिया मुंह में शुरू होती है और तेजी से खाना खाने से लार द्वारा भोजन को सरल शर्करा में तोडऩे के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है. इससे भोजन तोडऩे के लिए पेट को अधिक एसिड रिलीज करना पड़ता है. बढ़ा हुआ एसिड भूख महसूस करवा सकता है और बदले में ज्यादा खाना खा जाते हैं. यह समय के साथ मेटाबॉलिज्म को भी धीमा कर सकता है और इससे वजन बढ़ सकता है.

खास बात यह है कि मस्तिष्क को पेट भर जाने का संकेत पाने और तृप्त महसूस करने में लगभग 20 मिनट लगते हैं. भोजन को धीरे-धीरे चबाने से शरीर को यह महसूस करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है कि खाना बंद करने की आवश्यकता है. यह एक और तरीका है, जिससे भूख से अधिक खाने से बच सकते हैं और वजन को नियंत्रित रख सकते हैं.
जल्दी-जल्दी खाना खाने से इंसुलिन प्रतिरोध और मधुमेह हो सकता है. फास्ट फूड खाने से होने वाले मोटापे का एक और नकारात्मक पहलू यह है कि इससे मधुमेह या इंसुलिन प्रतिरोध की आशंका बढ़ जाती है.
ये है खाने का सही तरीका
भोजन करना बेहद ही आसान लगता है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ छोटी-छोटी गलतियां बड़ी परेशानी का कारण बन सकती हैं. खाना खाते समय किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. खाने से पहले इस बात का ख्याल रखें कि बाइट साइज यानी निवाले का आकार सही हो. खाने के छोटे-छोटे निवाले लें. इससे लार के एंजाइम्स सही तरह से भोजन में नहीं मिल पाते हैं, जिससे खाना सही तरह से नहीं पच पाता है.

खाना खाते समय दिमाग शांत रखें और खाने पर ही ध्यान दें. जल्दबाजी करने से कण श्वास नली में फंस सकता है. भोजन को निगलने से पहले लगभग 15-20 बार निवाले को चबाते रहें, ताकि भोजन छोटे टुकड़ों में टूट जाए.
खाने से पहले दो से तीन घूंट पानी पीने से मुंह और फूड पाइप चिकना हो सकता है और भोजन को तेजी से और अधिक कुशलता से पेस्ट करने में लार की मदद करता है. खाने के बाद या उसके दौरान पानी पीने से बचना चाहिए. विशेषज्ञ ब्लोटिंग को रोकने और पाचन सुधारने के लिए दो गिलास पानी पीने से पहले एक घंटे तक इंतजार करने की सलाह देते हैं.

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