अगर आप अपने शिशु के लिए बेबी फूड का हेल्दी विकल्प ढूंढ रही हैं तो सूजी को चुनना आपके लिए सही रहेगा। इससे इम्यूनिटी बढ़ती बढती है और पाचन तंत्र के लिए भी इसे पचाना आसान होता है। आइए जानते हैं कि बच्चों को सूजी कब, कैसे और क्यों खिलानी चाहिए।
सूजी के फायदे
सूजी में आयरन और पोटैशियम होता है जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार लाती है और दिल को भी मजबूत रखती है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी और विटामिन ई होता है।
शिशु का पाचन तंत्र सूजी को आसानी से पचा लेता है जिससे बच्चों में कब्ज की परेशानी नहीं होती है।
शिशु को कब खिलाएं सूजी
शिशु के 7 महीने के होने के बाद आप धीरे धीरे बच्चे के आहार में सूजी को शामिल कर सकते हैं। शिशु को कोई भी नई चीज खिलाने के बाद 3 दिन तक इंतजार करना चाहिए कि कहीं उसे इससे कोई एलर्जी तो नहीं हो रही।
यदि बच्चे को ग्लूटेन से एलर्जी है तो उसे सूजी न खिलाएं। सूजी को शिशु की डायट में शामिल करने का सबसे आसान तरीका है सूजी का दलिया और उपमा।
सूजी का उपमा कैसे बनाएं
विधि : एक पैन लें और उसमें थोड़ा घी डालकर गर्म करें। इसके बाद इसमें जीरा डालें और फिर सरसों के बीज डालें। इसे हल्का भूरा होने दें और उसके बाद सूजी की मात्रा अनुसार पानी डालें और उसे उबाल लें। उबलने पर धीरे धीरे सूजी डालें और लगातार मिश्रण को चलाते रहें। इस बात का ध्यान रखें कि इसमें कोई गुठली न पड़े।
अब हल्दी, हींग और नमक डालकर बर्तन को ढक दें। मध्यम आंच पर पांच मिनट तक इसे पकने दें। पैन को गैस से उतार कर सूजी का उपमा थोड़ा ठंडा दें, फिर बच्चे को खिलाएं।
सूजी का दलिया
अगर आपके बच्चे को मीठा खाना बहुत पसंद है तो उसे सूजी का दलिया बनाकर खिलाएं। इसमें स्वाद और सेहत दोनों का गुण होता है।
सामग्री : डेढ़ चम्मच भुनी हुई बारीक सूजी, डेढ़ चम्मच पिसा हुआ गुड़, आधा चम्मच घी, आधा कप गर्म पानी, एक कप गाय का दूध। यदि बच्चे की उम्र एक साल से कम है तो गाय का दूध न दें।
विधि : एक पैन लें और उसमें दो चम्मच सूजी को भूनें। इसमें आवश्यकतानुसार गर्म पानी और घी डालें और धीरे- धीरे सब कुछ मिक्स करें। इसमें कोई गांठ नहीं बननी चाहिए। मध्यम आंच पर सूजी को पकाएं।
अब इसमें पिसे हुए गुड का पाउडर डालें। 3 मिनट या गाढ़ा होने तक पकाएं और फिर गैस को बंद कर दें। दलिया गाढ़ा हो जाए तो इसे ठंडा होने के लिए रख दें।
अब इसमें एक कप गुनगुना दूध मिलाएं। एक साल से कम उम्र के शिशु के लिए ब्रेस्ट मिल्क भी मिला सकते हैं।

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