रायपुर/नयी दिल्ली.प्रदेश के किसानों ने अपनी भागीदारी बढ़ाई, इसके पहले कोरबा तथा प्रदेश के कुछ अन्य स्थानों से जत्थे दिल्ली पहुंचे थे अब ये बड़ा समूह दिल्ली की ओर बढ़ा है।  केंद्र सरकार के विवादित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले डेढ़ माह से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे है। इसी बीच कई राज्यों से भी इस आंदोलन को समर्थन मिल रहा है।

वहीँ काले कानून की वापसी की मांग को लेकर 7 जनवरी को रायपुर से रवाना हुए 200 किसानों का जत्था दिल्ली के निकट पलवल बार्डर पर 8 जनवरी के की देर रात पहुंच गया।  जहां हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों के काफिले को रोक लिया गया।

छत्तीसगढ़ से दिल्ली गए 200 किसानों के जत्थे का नेतृत्व कर रहे तेजराम विद्रोही, दलबीर सिंह, गजेंद्र कोसले, नवाब गिलानी, ज्ञानी बलजिंदर सिंह, अमरीक सिंह और सुखविंदर सिंह सिद्धू  ने जानकारी दी कि 7 गाड़ियों में चल रहा किसान जत्था आज देर रात दिल्ली के निकट हरियाणा के पलवल के पास पहुंच गया । जहां जत्थे को हरियाणा पुलिस ने रोक दिया। किसानों ने वहीं पर अपना धरना प्रारम्भ कर दिया । पलवल जिले के राजमार्ग क्रमांक 19 पर ग्राम बरहोला के निकट  महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बुंदेलखंड उत्तरप्रदेश, उड़ीसा के किसानों को गत 3 जनवरी से यही पर रोका गया है । किसानो ने राजमार्ग पर ही तम्बू तानकर अपने रहने खाने सोने की व्यवस्था कर ली है ।

एक टेंट में किसानों द्वारा क्रमिक भूख हड़ताल भी जारी है । इसी दौरान देशभर के किसान अपनी सभा कर रहे हैं।

आज छत्तीसगढ़ के किसानों के सम्मान में किसान सभा की अध्यक्षता बालोद जिला किसान संघ के महासचिव वरिष्ठ किसान नेता नवाब जिलानी को सौंपी गई । सभा को तेजराम विद्रोही, गजेंद्र सिंह कोशले, लीलाधर, छात्र संगठन के टिकेश कुमार, आदि ने संबोधित किया । सभी किसान नेताओं ने छत्तीसगढ़ के किसानों की ओर से अपना संकल्प दोहराया कि जब तक काले वापस नहीं, तब तक घर वापस नहीं जाएंगे।

आज के धरने में छत्तीसगढ़ सिख समाज से दिल्ली गये दलबीर सिंह, सुखदेव सोनू सिद्धू, ज्ञानी बलजिंदर सिंह, अमरीक सिंह आदि ने लंगर के साथ साथ किसानों के  रहने-खाने-विश्राम की व्यवस्था में जिम्मेदारी से अपना योगदान किया।

देर शाम को छत्तीसगढ़ के किसानों की बैठक अन्य प्रदेश के किसान नेताओं के साथ हुई जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सदस्य शिव कुमार शर्मा कक्काजी विशेष रूप से सम्मिलित हुए।

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