छत्तीसगढ़- कोरोना संकट के बीच प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने की खबर है । जूडो रायपुर द्वारा चिकित्सा शिक्षा  संचालक छत्तीसगढ़  को दिए गए मांग पत्र को देखने से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों मे सरकारी हस्पतालों मे तैनात चिकित्सकों को वे मेडिकल कालेज हस्पताल तथा अन्य कोविड चिकित्सालयों मे ड्यूटी हेतु बुलाना चाहते हैं। उनकी मांगे है :-

उनकी सुविधाएं बढ़ाई जाए , उन्हे अच्छी गुणवत्ता के पी पी ई किट , n 95 मास्क ड्यूटी पर उपलब्ध कराया जाए , संक्रमित होने पर सवैतनिक अवकाश उपलब्ध कराया जाए , ग्रामीण  इलाकों मे काम करने पर एक समान ,प्रतिमाह का स्टाइपेन्ट दिया जाए। इंटर्न डॉक्टरों को 20,000.00 पी जी प्रथम वर्ष वालों को 80,000.00 तथा द्वितीय तृतीय वर्ष वालों को 85,000.00 छात्रवृत्ति प्रतिमाह  दी जाए। हस्पतालों मे नर्सिंग स्टाफ़, लेब टेकनीशियन, वार्ड ब्वाय, स्ट्रेचर ब्वाय  तथा सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए। जरूरतों के अनुसार नए कोविड हस्पतालों की नए प्रशिक्षित स्टाफ़ भर्ती करके स्थापना की जाए। हड़ताल को तीन चरणों मे विभाजित किया गया है जिसमे प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा संचालक आर के सिंह को ज्ञापन सौंप कर छ ग जूनियर डॉक्टर्स एसोसियशन की तरफ से बताया गया है की आज से ही वे कोरोना तथा आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को छोड़ कर सभी प्रकार का काम बंद कर रहे हैं , इसके बाद 15 अप्रेल 2021 से वे आपातकालीन कार्य भी बंद कर देंगे। फिर भी मांगों को नहीं माने जाने पर वे 18 अप्रेल की सुबह 8 बजे से कोरोना सहित सभी तरह की चिकित्सा सेवाएं देना भी बंद कर देंगे। संचालक चिकित्सा शिक्षा से ज्ञापन मे उन्होंने कोरोना ड्यूटी के लिए प्रतिमाह 10,000 रु प्रोत्साहन राशि की भी मांग की है , पैरामेडिकल स्टाफ के लिए 500 रु जबकि सफाई कर्मचारियों के लिए 200 रु की मांग की गई है ।

कोरोना महामारी की ऐसी विपदा के समय जूनियर डाक्टरों को इस तरह हड़ताल पर चले जाने को आम जनता तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के लोगों में निराशा है, वे ऐसे कठिन समय मे जब लोगों को सरकारी हस्पतालों मे मिलने वाले इलाज के भरोसे की जिंदगी की जंग जीतनी है इस हड़ताल को अनुचित मान रहे हैं, हालांकि जूडो के कुछ मांगों को उनका भी समर्थन है जैसे की हस्पतालों मे नर्सिंग स्टाफ़, लेब टेकनीशियन, वार्ड ब्वाय, स्ट्रेचर ब्वाय  तथा सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए। जरूरतों के अनुसार नए कोविड हस्पतालों की नए प्रशिक्षित स्टाफ़ भर्ती करके स्थापना की जाए।

प्रदेश चिकित्सा संचालक की ओर से सभी जिलों के CMOH को पत्र लिख कर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के शिशु मातृ चिकित्सा से सम्बद्ध चिकित्सकों को छोड़ कर सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी कोविड हस्पतालों मे लगाए जाने का निर्देश दिया गया है । प्रदेश मे मेडिकल स्टाफ के 4143 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी गूगल ऑनलाइन आवेदन  आमंत्रित कर शुरू कर डी गई है , हालांकि यह व्यवस्था केवल 3 महीने के लिए संविदा नियुक्ति की बताई जा रही है ।

मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा रायपुर मे इंडोर स्टेडियम मे सुसज्जित कोविड अस्पताल को खोलने की घोषणाओं के बीच यह बुनियादी मुद्दों की ओर ध्यान आकृष्ट करने वाली हड़ताल भी स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी सवालों को खड़ा करती प्रतीत होती है।

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