नई दिल्ली। ईवीएम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद गिनती के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक ईवीएम के बजाय पांच ईवीएम के मतों को वोटर वैरीफाइड पेपर ऑडिट (वीवीपैट) की पर्चियों से मिलान किया जाए. बता दें कि करीब 21 विपक्षी पार्टियों ने इस सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उक्त आदेश दिया. पीठ ने आदेश में कहा है कि उन्होंने निर्वाचन अधिकारियों से बात की है और उनका कहना है कि ईवीएम को लेकर कोई संदेह नहीं है और ईवीएम से बिल्कुल सही परिणाम मिलते हैं. इससे पहले निर्वाचन आयोग ने विपक्षी दलों की मांग को अव्यवहारिक बताते हुए खारिज कर दिया था. आयोग का कहना था कि इससे चुनाव परिणामों में आठ से दस का अधिक वक्त लग सकता है. आयोग ने जोर देते हुए कहा था कि ईवीएम से मतदान कराने में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती. इससे पहले भी कई बार विपक्षी दल ईवीएम को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. इसको लेकर चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं में तेलुगुदेशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडु और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल समेत 21 अन्य पार्टियां शामिल हैं। विपक्षी पार्टियों ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि ईवीएम को लेकर बहुत दिक्कत है. इसलिए विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 50 फीसदी ईवीएम का मिलान वीवीपैट से किया जाना चाहिए.