दीपावली का त्यौहार आया, फसल बिकी नही – खेत या घर में रखने की समस्या और कटाई की मजदूरी देना भारी पड़ रहा, किसान सभा 12 नवंबर को करेगी प्रदर्शन

रायपुर, छत्तीसगढ़ में किसानों की सरकार होने के दावे पर किसानों की परेशानी भारी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ के बहुत से इलाकों में कटाई 20 से 30 दिनों पूर्व से जारी है, धान की 90 से 100 दिनों वाली किस्में पहले ही पक चुकी है। सरकार पहले 1 नवंबर से खरीद शुरू करती थी फिर बाद में 15 नवंबर की तारीख तय हुई थी इस वर्ष 1 दिसंबर से खरीद शुरू होने की घोषणा हुई है जो जरूरतमंद किसानों के लिये जी का जंजाल बन गया है।

मजदूरी, उर्वरकों, कीट नाशको का भुगतान, कटाई तथा ढुलाई का भुगतान सर पर है, साथ ही त्योहार भी मनाना है।

किसान सभा के नेता संजय पराते कहते हैं , सरकार को संवेदनशील तरीके से इस स्थिति को देख कर खरीदी तथा भुगतान जल्दी करने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

प्रदेश में मुख्य फसल धान की होती है जिस पर किसानों की पूरी अर्थ व्यवस्था टिकी होती है अपनी तात्कालिक जरूरत पूरी करने के लिये प्रदेश में किसानों को आसपास के आढतियों को 900 से 1200 प्रति क्विंटल की दर पर धान बेचना पड़ रहा है। किसान सभा 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की मांग को ले कर 12 नवंबर को प्रदेशव्यापि प्रदर्शन करने जा रहा है। उनका मानना है कि खरीदी देर से शुरू करने के कारण प्रदेश के किसानों को 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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