रायपुर। झीरम घाटी में हुए कांग्रेस नेताओं पर हमले का मामला अब फिर उठने लगा है। आयोग ने जाँच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी है जिसके बाद से कांग्रेस लगातार मांग कर रही है की यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाए। मामले में कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता की और बिंदु सबके सामने रखे। कांग्रेस का क़ानूनी मामला देखने वाले वकील सुदीप श्रीवास्तव ने भी वार्ता को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल से मांग है कि अविलम्ब बिना किसी टिका टिप्पणी के जाँच रिपोर्ट सरकार को सौंपे। उन्होंने कहा परम्परा के अनुसार रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाती है फिर कैबिनेट में जाती है। राज्य से आशय कैबिनेट ही होता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने झीरम घाटी हमले को राजनितिक षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा कि इस हमले में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व समाप्त हो गया था। जाँच कराकर सरकार पीड़ितों को न्याय देना चाहती है। उन्होंने कहा कि शंका है जाँच आयोग पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं दें चाहता।
झीरम पीड़ित परिवार से अनीता योगेंद्र शर्मा ने कहा कि उन्हें अब भी न्याय की उम्मीद है। हमें छत्तीसगढ़ सरकार पर पूरा भरोसा है। राज्यपाल से निवेदन है कि जाँच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाए। दौलत रोहड़ा ने कहा कि सभी को न्याय मिलना चाहिए। केंद्र सरकार को सहयोग करना चाहिए, झीरम का सच सामने आना चाहिए।
इस विषय की कानूनी जानकारी सुदीप श्रीवास्तव ने दी जो इस मामले में जांच आयोग के समक्ष कांग्रेस का पक्ष रखते रहे हैं।
कांग्रेस ने जो बिंदु सवाल के रूप में रखे इस प्रकार हैं : झीरम नरसंहार के लिए गठित न्यायिक आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंप कर तय एवं मान्य प्रक्रिया का उलंघन किया है।
सामान्यतया जब भी किसी न्यायिक आयोग का गठन किया जाता है तो आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है।झीरम नरसंहार के लिए गठित जस्टिस प्रशांत मिश्र आयोग की ओर से रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंपना ठीक संदेश नहीं दे रहा है।
जब आयोग का गठन किया गया था तब इसका कार्यकाल 3 महीने का था तीन महीने के लिए गठित आयोग को जांच में 8 साल कैसे लग गया ? आयोग ने हाल ही में यह कहते हुए सरकार से कार्यकाल बढाने की मांग की थी कि जांच रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार नही है इसमें समय लगेगा ।
जब रिपोर्ट तैयार नही थी आयोग इसके लिए समय मांग रहा था फिर अचानक रिपोर्ट कैसे जमा हो गयी ? यह भी शोध का विषय है।ऐसा क्या है जो सरकार से छुपाने की कोशिश की जा रही है?
झीरम हमले में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं की एक पूरी पीढ़ी सहित 31 लोगो को खोया है।