रावतपुरा ट्रस्ट जमीन मामले में पत्रकार को धमकी, मीडिया संगठनों ने जताई नाराजगी

रायपुर। श्री रावतपुरा सरकार लोककल्याण ट्रस्ट से जुड़े कुछ लोगों द्वारा वरिष्ठ पत्रकार संजय दुबे को दी गई धमकी को लेकर अनेक राष्ट्रीय एवं राज्य के पत्रकार संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है। ट्रस्ट पदाधिकारियों के इस रवैये की निंदा करते हुए जल्द ही मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत करने की बात पत्रकारों द्वारा कही गई है।

बताया जाता है कि पब्लिक ट्रस्ट होने के बाबजूद प्राइवेट ट्रस्ट बताकर फर्जी रजिस्ट्री कराने, अवैध प्लाटिंग करने वाले रावतपुरा सरकार लोककल्याण ट्रस्ट से जुड़े कुछ लोग उनके गोरखधंधे उजागर करने वाले पत्रकार से खफा हैं और उन्हें कई बार धमकियां दे डाली। शुरुआत में ट्रस्ट के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने पहले धमकी दी, फिर अपनी गलती का अहसास होने पर माफी मांगते हुए सफाई दी। जब खबर तेजी से फैलने लगी और जमीन खरीददार पीड़ित लोग मीडिया के सामने आने लगे तब इस संबंध में पूर्व ट्रस्टी मनोज अग्रवाल (जिनका नाम खरीददार ले रहे हैं), से उनका पक्ष जानने के लिये पत्रकार द्वारा बात की गई  तो उनकी झल्लाहट इस कदर थी कि पूरी बात सुने बिना ही पत्रकार को धमकी देने लगे। उन्होंने पूर्व सीएम के एक ओएसडी और एक ऑन्टी का नाम लेकर धमकी दी। मीडिया में उक्त ऑडियो की चर्चा जोरों पर है कि मनोज अग्रवाल जिस ऑन्टी को फोन लगाने की बात कर रहे हैं वो कौन हैं, क्या इस जमीन घोटाले में उनकी भी संलिप्तता है।

उल्लेख है कि वरिष्ठ पत्रकार संजय दुबे पत्रकारों के सबसे बड़े राष्ट्रीय संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय सचिव हैं।  IFWJ के राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पांडेय ने संगठन के मुख्यालय नई दिल्ली से पत्र जारी कर इस घटना की कड़ी निंदा की है। वहीं छत्तीसगढ़ प्रेस क्लब , स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट्स यूनियन ने भी इस घटना की निंदा करते हुए जल्द ही आगे की रणनीति बनाने की बात कही है। इस बारे में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बजट सत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून लाने और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी। राजधानी बनने के बाद जमीन के फर्जीवाड़े और नियमविरुद्ध कार्य के बढने लगे और इन 20 बरसों में राजनीति , अपराध से जुड़े भूमाफिया  के साथ साथ धार्मिक और लोकहित न्यास के नाम पर भी जमीन के कारोबार की सूचनाएं मिलने लगी । ऐसी  खबर लगते ही पत्रकारों को धमकाने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

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