‘हमारे समय में शानी’ का दो दिवसीय आयोजन आज से शुरू

रायपुर. छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के साहित्य अकादमी द्वारा शानी फाउंडेशन के सहयोग से देश के चर्चित रचनाकार गुलशेर खां ‘शानी’ जी पर केंद्रित 2 दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन 7, 8 जनवरी 2023 को किया जा रहा है। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय दूरस्थ बस्तर अंचल के जगदलपुर से अपनी सृजन यात्रा प्रारंभ करने वाले शानी जी ने बस्तर के जनजातीय समाज के जनजीवन पर केंद्रित उपन्यास सांप और सीढ़ी, साल वनों का द्वीप , नदी और सीपियाँ, एक लड़की की डायरी और कहानियां तो लिखी ही साथ ही बस्तर अंचल में रह रहे मुस्लिम परिवारों पर केंद्रित चर्चित उपन्यास ‘काला जल’ भी लिखा जिस पर दूरदर्शन के जमाने में धारावाहिक का निर्माण और प्रसारण भी हुआ। बाद में शानी जी मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के सचिव नियुक्त हो कर भोपाल चले गए और फिर वहां से दिल्ली साहित्य अकादमी में हिंदी संपादक के पद पर उन्होंने समकालीन भारतीय साहित्य पत्रिका का संपादन किया। उनकी शानदार रचना यात्रा जारी रही । 10 फरवरी 1995 को उनका देहावसान हो गया।
शानी आधुनिक हिंदी के पहले महत्वपूर्ण मुस्लिम लेखक हैं उन्होंने पहली बार आम मुस्लिम समाजों के दुख, तकलीफ , जीवन शैली को अपने उपन्यासों , कहानियों में बयान किया, साथ ही जनजातीय समाज के दुख तकलीफ, उल्लास का भी बखूबी से चित्रण किया।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद शानी जी पर केंद्रित यह पहला बड़ा कार्यक्रम है जिसमें “हमारे समय में शानी” शीर्षक के अंतर्गत उनके अवदान पर बातचीत, वक्तव्य और रचना पाठ किया जाएगा।

शानी जी की रचनात्मकता के विविध आयाम पर केंद्रित चित्र, पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रथम दिवस 7 जनवरी को कन्वेंशन हॉल , न्यू सर्किट हॉउस, रायपुर में यशस्वी कवि, लेखक तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा जी द्वारा सुबह 11 बजे किया जाएगा।

उद्घाटन सत्र में उर्दू एवं हिंदी साहित्य के अध्येता जानकीप्रसाद शर्मा जी का वक्तव्य होगा, साथ ही प्रसिद्ध कथाकार शशांक, कवि तथा संपादक विजय गुप्त जी के साथ-साथ फीरोज शानी ( पुत्र) का वक्तव्य भी शानी जी के व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं को उजागर करेगा। सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रमाकांत श्रीवास्तव जी करेंगे।
दूसरे सत्र में शानी जी के पात्रों पर चर्चा करने के लिये मनोज रूपड़ा, वैभव सिंह और नीरज खरे मौजूद रहेंगे।
विजय गुप्त जी की अध्यक्षता में तीसरे सत्र में शानी जी के काला जल उपन्यास पर चर्चा में रमाकांत श्रीवास्तव, राजेश कुमार सेठिया और प्रियम अंकित भागीदारी करेंगे।
चौथे सत्र में प्रशांत टंडन की अध्यक्षता में शानी जी के पत्रों और संस्मरणों की चर्चा त्रिलोक महावर, विजय सिंह और सूफिया शानी करेंगे।
अंत मे शानी जी की चुनिंदा रचनाओं का पाठ विविधभारती के चर्चित प्रस्तोता कमल शर्मा अपनी खनकती आवाज में करेंगे, स्वप्निल हूदार भी रचनापाठ करेंगे। आज संचालक संस्कृति विवेक आचार्य  भी कार्यक्रम में भागीदारी करेंगे।
दूसरे दिन 8 जनवरी के कार्यक्रमो की शुरुआत योगेंद्र मोतीवाला, वैभव सिंह, राहुल सिंह, नीरज खरे के वक्तव्य से होगी, सत्र की अध्यक्षता चर्चित लेखक अशोक कुमार पांडे करेंगे।
दूसरे सत्र में योगेंद्र मोतीवाला की अध्यक्षता में “शाल वनों का द्वीप ” पर केंद्रित वक्तव्य अजय चंद्रवंशी तथा ईश्वर सिंह दोस्त प्रस्तुत करेंगे।
तीसरे सत्र की अध्यक्षता शशांक करेंगे तथा “आज के दौर में शानी” विषय पर वक्तव्य विजय गुप्त, प्रशांत टंडन, अशोक कुमार पांडेय प्रस्तुत करेंगे।
अंतिम सत्र में शानी जी की कहानियों का पाठ रमाकांत श्रीवास्तव, शशांक, मनोज रूपड़ा, वैभव सिंह प्रस्तुत करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से स्थानीय साहित्यकारों और संस्कृति कर्मियों के योगदान का मूल्यांकन करने का कार्य इस तरह के कार्यक्रमो के माध्यम से साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ में लगातार करती रही है।

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