आज अदाणी के खिलाफ सवाल उठा देने से जब हाऊस नही चल पाता तो भला अखबार बिना कारपोरेट सहयोग के कैसे चलेगा – भूपेश बघेल

मायाराम सुरजन जन्म शती समारोह का प्रारंभ ..

मायाराम सुरजन शताब्दी सम्मान से मुख्यमंत्री ने शरदचंद्र बेहार एवं प्रभात त्रिपाठी को सम्मानित किया


रायपुर, संयुक्त मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित देशबंधु पत्र समूह के संस्थापक संपादक तथा मूर्धन्य पत्रकार स्व मायाराम सुरजन जी की जन्म शती तथा देशबंधु के 65 वें वर्ष में प्रवेश का दो दिवसीय कार्यक्रम आज रायपुर में प्रारंभ हुआ। हिंदी पत्रकारिता में छत्तीसगढ़ के देशबंधु के महत्व के बारे में आत्मीय वक्तव्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोज देशबंधु पढ़ते हुए युवावस्था का जिक्र किया तथा बाद में राजनीति में प्रवेश के बाद भी अखबार से संबंधों के बारे में बताया कि कैसे तब अखबार बहुत ही विश्वसनीय हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि दूसरे अखबारों की तरह देशबंधु व्यावसायिक नही हो पाया । आज भी कृषिभूमि का लगान 1 रु तथा अखबार का दाम 2 से 5 रु तक ही है जबकि कागज़, प्रिंटिंग और तकनीक के दूसरे खर्च बहुत बढ़ चुके हैं ऐसी स्थिति में ये समझना होगा कि जिन कारपोरेट विज्ञापनों के कारण अखबार की कीमत पाठक को कम मिल रही है अखबार उन्ही कारपोरेट के प्रति ईमानदार रहेंगे न कि पाठकों के प्रति, पाठकों के प्रति चिंतित अखबारों के लिये नई पहल और बदलाव की प्रतीक्षा करनी होगी। अब जो देशबंधु की तरह केवल सिद्धांत को ले कर चलेंगे उनका जिंदा रहने के लिये कुछ व्यवहारिक होना भी जरूरी है।
कार्यक्रम की शुरुआत शाम 5 बजे से अग्रसेन महाविद्यालय, समता कालोनी रायपुर में मायाराम सुरजन जी के लिखे गीतों की मधुर प्रस्तुतियों से हुई। नगर के सुपरिचित शास्त्रीय गायक दीपक गुणवंत व्यास एवं साथियों कमल मुखर्जी ( तबले पर) अशोक श्रीवास्तव ( हारमोनियम पर) सुश्री कावेरी व्यास ने ये प्रस्तुति दी। मायाराम जी के पसंदीदा सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक कुन्दनलाल सहगल और मुकेश जी के गीतों की शानदार प्रस्तुति भी समापन सत्र में दी गयी ।
समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता देश के सुप्रसिद्ध कवि , साहित्यकार तथा आलोचक डॉ विजयबहादुर सिंह ने की । प्रारंभ में स्वागत वक्तव्य देते हुए पत्र समूह के प्रधान संपादक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने देशबंधु के सामने आती रही चुनोतियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि विगत 29 मार्च को मायाराम जी के जन्म के 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं, देशबंधु के प्रकाशन को 64 वर्ष 17 अप्रैल 2023 को पूरे हो रहे हैं, देशबंधु के राष्ट्रीय दिल्ली संस्करण को भी 16 वर्ष हो चुके हैं ।
इस बीच उपस्थित अतिथियों संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, अमितेश शुक्ल, महंत रामसुंदर दास जी का स्वागत देशबंधु परिवार की ओर से ओ पी सिंघानिया, डॉ राकेश गुप्ता, प्रो राकेश तिवारी ने किया । इस अवसर पर मायाराम सुरजन शताब्दी सम्मान से स्व. मायाराम सुरजन जी की देशबंधु की स्थापना से ले कर वर्षो तक संचालन की संघर्षयात्रा के साक्षी रहे मूलतः सारंगढ़ के वर्तमान में भोपाल में बसे प्रख्यात गांधीवादी शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता तथा सेवानिवृत मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन  शरदचंद्र बेहार जी तथा देश के प्रसिद्ध कवि, कथाकार तथा आलोचक  प्रभात त्रिपाठी जी को इस सम्मान से सम्मानित किया।

प्रभात त्रिपाठी ने मायाराम  और उनकी परंपरा को आगे ले जाने वाले ललित सुरजन के साथ अपने आत्मिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि वे अखबार को एक ऐसा सामाजिक आधार देने वाले के रूप में रखना चाहते थे जो सूचना के साथ साथ संस्कार भी दे सके, सामाजिक चेतना सम्पन्न पत्रकारिता के पक्षधर के रूप में वे अखबार की भूमिका को देखते थे। आज के समाज विमुख, प्रकृति विमुख वातावरण में उनकी याद आना बहुत स्वाभाविक है।
शरदचंद्र बेहार  ने मायाराम जी से 30 – 35 वर्षो के अपने संबंधों के बारे में बताते हुए उनकी संवेदनशीलता को याद किया। पत्रकारिता को चौथा खंबा मानने से इनकार करने संबंधी ललित सुरजन जी के आलेख का जिक्र करते हुए उन्होंने आज की मीडिया के बेहाल दशा पर चिंता व्यक्त की। छत्तीसगढ़िया होने को माटीपुत्र होना मानते हुए उन्होंने भोपाल में अपने कार्यकाल के समय के अनुभवों को साझा किया।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार तथा आलोचक डॉक्टर विजयबहादुर सिंह ने कहा “आज तो सत्ताएं ही लोगों की चेतना को खत्म करने की कोशिशें कर रही हैं किंतु अखबारों से , साहित्य से, लोगों की चेतना को बचाये रखने की अपेक्षा की जाती है। देशबंधु की यह पहचान रही है की साहित्य और पत्रकारिता को साथ साथ चलाया जाए क्योकि, अखबार यदि सूचना देता है तो साहित्य संस्कार देता है। दरअसल हमको ये तय करना ही होगा कि अखबार को अपनी पहचान क्या बनाये रखनी है। झूठी खबरें देने की पहचान कोई नही बनाना चाहता। क्योंकि हम सच बोलना भी जानते हैं और सच की कीमत चुकाना भी जानते हैं।

कार्यक्रम में देशबंधु प्रकाशन समूह के सभी संचालक तथा सुरजन परिवार के सभी सदस्य जबलपुर, भोपाल एवं दिल्ली से उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन सर्वमित्रा ने किया तथा समन्वयन पलाश सुरजन ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो राकेश तिवारी ने किया।
16 अप्रैल के कार्यक्रम का प्रारंभ लोकायन परिसर, रजबन्धा मैदान , रायपुर में शाम 5 बजे से निर्गुण गायन से होगा। इस सत्र में दिल्ली से आये वरिष्ठ पत्रकार तथा चिंतक  अरविंद मोहन  ” महात्मा की महिला शक्ति” विषय पर व्याख्यान देंगे, इस सत्र की अध्यक्षता साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ संस्कृति परिषद के अध्यक्ष  ईश्वर सिंह दोस्त करेंगे।

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