बद्रीप्रसाद पारकर तथा कमलेश चंद्राकर की पुस्तकों पर चर्चा । समाज में निचले पायदान पर रहने वाले लोगों का जीवन संघर्ष कितना कठिन होता है यह हम  पारकर जी की रचना” धीरे धीरे उतरे पार ” पढ़कर जान पाते हैं।
कमलेश चंद्राकर की चार बाल कविताओं की रचना में  बच्चों के लिए ही नहीं बड़ों के लिए भी बहुत कुछ सीखने लायक बातें

कवर्धा, छत्तीसगढ़ जनवादी लेखक संघ, कवर्धा जिला इकाई द्वारा वैचारिक कार्यक्रम कबिरा खड़ा बजार में तथा पीएमश्री स्वामी आत्मानंद हायर सेकेण्डरी शाला पिपरिया के सहयोग से 8 दिसंबर 24 को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में दुर्ग के दो साहित्यकारों बद्रीप्रसाद पारकर तथा कमलेश चंद्राकर की पुस्तकों पर चर्चा हुई।
बद्रीप्रसाद पारकर की पुस्तक “धीरे-धीरे उतरे पार ” पर लेखक एवं पत्रकार नीरज मंजीत ने आलेख पठन करते हुए कहा कि यह जीवनी पठनीय है। प्रेरक और संग्रहणीय भी। कवि एवं समीक्षक अजय चंद्रवंशी ने कहा कि केंवट समाज में जन्में लेखक बद्रीप्रसाद पारकर ने संघर्ष की गाथा को जिस ढंग से लिखा है वह प्रशंसनीय है। समाज में निचले पायदान पर रहने वाले लोगों का जीवन संघर्ष कितना कठिन होता है यह हम ” धीरे धीरे उतरे पार ” पढ़कर जान पाते हैं।
कमलेश चंद्राकर की चार बाल कविताओं की किताब पर नरेन्द्र कुमार कुलमित्र ने कहा कि बच्चों के लिए ही नहीं बड़ों के लिए भी बहुत कुछ सीखने लायक बातें इन किताबों में है। ये कविताएं गाई जा सकती हैं। इनमें संगीत सरल भी है। समीक्षक सुखदेव सिंह अहिलेश्वर ने कमलेश की पुस्तकों पर आलेख वाचन करते हुए हिन्दी की मजबूत बालगीत परंपरा के इतिहास पर बोलते हुए कमलेश चंद्राकर को इसी परंपरा का वर्तमान दौर का महत्वपूर्ण कवि कहा।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने छत्तीसगढ़ में जिला इकाइयों की सक्रिय भूमिका के सम्बंध में बताया। कार्यक्रम के विशेष अतिथि, वरिष्ठ पत्रकार, कवि नीरज मंजीत ने कहा कि दुर्ग जिले के रचनाकारों ने लगातार साहित्य की दुनियां में नाम किया है। उनकी सक्रियता प्रेरणास्पद है। कवर्धा में भी अच्छी टीम बनी है जो पूरी ऊर्जा से काम कर रही है।
कवि समीक्षक, पत्रकार तथा जनवादी लेखक संघ के प्रदेश महासचिव पी.सी. रथ ने सभा को सम्बोधित करते हुए छात्र छात्राओं के लिए कविताओं, कथाओं और अन्य कलाओं में भागीदारी को पढ़ाई के तनाव को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण बताया, आज के मोबाईल इंटरनेट युग में उनका इस्तेमाल ज्ञान और करियर को बेहतर मुकाम देने के लिए करने को उन्होंने उदाहरण सहित बताया ।

उपन्यासकार नंदन ध्रुव ने कहा कि आप पढ़ कर जीवन में अपनी दिशा में आगे बढ़ें किंतु साहित्य को जीवन में महत्व देकर जीवन को सरस जरूर बना सकते हैं। साहित्य व्यक्तित्व को और मजबूत बनाता है। साहित्य से हम एकता, संघर्ष और उदारता का पाठ पढ़ते हैं। कवर्धा जिला जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष समय लाल विवेक ने स्वागत भाषण दिया। कमलेश चंद्राकर एवं बद्रीप्रसाद पारकर ने अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में बताया तथा रचना-पाठ किया। कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य सतीश कुमार बंजारे को डॉ. परदेशीराम वर्मा ने लोककला तथा पंथी नृत्य के हस्ताक्षर देवदास बंजारे पर लिखित पुस्तक आरूग फूल , रायपुर से पधारे जनवादी लेखक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन ने अपनी 4 खण्डों में प्रकाशित आत्मकथात्मक उपन्यास तथा पी सी रथ ने युवा कवयित्री डॉ काव्या की कविताओं का संग्रह स्कूल लाइब्रेरी हेतु भेंट किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में में सतीश कुमार बंजारे ने कहा कि ऐसे वैचारिक कार्यक्रमों से बच्चों को प्रेरणा मिलती है। छत्तीसगढ़ के चर्चित साहित्यकारों से मिलकर उनका रचना-पाठ सुनना इन्हें आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करेगा। सुखदेव सिंह,भागवत साहू,सात्विक श्रीवास्तव तथा विद्यालय की दो छात्राएं भावना देवांगन तथा सुहानी देवांगन ने स्वरचित रचनाओं का काव्य पाठ किया। कार्यक्रम संचालन भागवत साहू ने किया तथा अंत में आभार प्रदर्शन विद्यालय परिवार की ओर से विनोद चंद्रवंशी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में स्मिता वर्मा, दशरथ सोनी, नीतीश, प्रशांत शर्मा, संजय पराते, सोमप्रकाश वर्मा, संतराम थवाइत , रमेश चौरिया, राजाराम हलवाई, बृजेन्द्र श्रीवास्तव, प्रहलाद पात्रे, अश्विनी कोसरे, नारद चंद्रवंशी, चतुर चंद्रवंशी सहित क्षेत्र के प्रमुख रचनाकार, समाज सेवी, कलाकार भी साहित्य में रुचि रखने वाले छात्रा छात्राओं के साथ उपस्थित थे।

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