डेंगू के बढ़ते प्रकोप के चलते हेल्थ कमिश्नर आर प्रसन्ना ने डेंगू को  महामारी घोषित किया

रायपुर। प्रदेश में डेंगू का प्रकोप जारी है। एक महीने के अंदर 17 लोगों को इस बीमारी से जान गंवानी पड़ी है। भिलाई-दुर्ग में डेंगू को अब महामारी घोषित कर दिया गया है। दुर्ग में 370 लोग डेंगू से पीड़ित हैं। सिर्फ दुर्ग के सभी अस्पतालों में मरीजों की संख्या 450 के पार हो गयी  है। 119 की जाँच रिपोर्ट आना बाकी है। मच्छरों के  डंक का ये कहर दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, कोरिया और बिलासपुर में जारी है।

हेल्थ कमिश्नर आर प्रसन्ना ने इसे महामारी घोषित करते हुए इसका आदेश दुर्ग कलेक्टर उमेश अग्रवाल को जारी किया। कमिश्नर ने आदेश में कहा है कि डेंगू पीड़ित सभी मरीजों का इलाज मुफ्त किया जाए, चाहे उनके पास स्मार्ट कार्ड हो अथवा नहीं। निजी अस्पतालों में रेफर मरीजों का इलाज खर्च सरकार उठाएगी। प्रदेश में पहली बार किसी बीमारी को लेकर हुआ ऐसा फैसला हुआ है।

दुर्ग-भिलाई के लोगों  में दहशत है। सामान्य बुखार वाले मरीज भी डेंगू के डर से अस्पताल में भर्ती होने लगे हैं। इसके कारण जिला अस्पताल में बेड भर गए हैं। निजी अस्पताल वाले भी ज्यादा मरीज आने से परेशान हो गए हैं। इसलिए शासन को अब गाइडलाइन जारी करनी पड़ी। प्रसन्ना ने बताया कि दूसरे जिलों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा। ऐसे लोगों को स्मार्ट कार्ड अथवा पैसे खर्च करने होंगे। किन मरीजों का निजी अस्पतालों में फ्री इलाज होगा, इसके लिए कुछ नियम व शर्तें बनाई गई हैं।

कैसे और कब होता है  डेंगू  

डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। एडीज इजिप्टी मच्छर 15-20 फीट से अधिक  ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता। डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।

कितने तरह का होता है डेंगू

  1. क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
  2. डेंगू हैमरेजिक बुखार (DHF)
  3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)

बचाव ही इलाज

बीमारी से बचने के लिए फिजिकली फिट, मेंटली स्ट्रॉन्ग और इमोशनली बैलेंस रहें।

अच्छा खाएं, अच्छा पीएं और अच्छी नींद लें ,विटामिन-सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें जैसे एक दिन में दो आंवले, संतरे या मौसमी ले सकते हैं। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।

नाक के अंदर की तरफ सरसों का तेल लगाकर रखें। इससे तेल की चिकनाहट बाहर से बैक्टीरिया को नाक के अंदर जाने से रोकती है।

खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें। सुबह आधा चम्मच हल्दी पानी के साथ या रात को आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध या के साथ लें। लेकिन अगर आपको -नजला, जुकाम या कफ आदि है तो दूध न लें। तब आप हल्दी को पानी के साथ ले सकते हैं।

आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें, जब वह आधा रह जाए तब उस पानी को पीएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here