रायपुर, 26जून 2019, संतुलित आहार की पूर्ति एवं किसानों की आमदनी दोगुनी करने हेतु उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोपित की जाने वाली फसलों में मुनगा का स्थान विशेष है. मुनगा न केवल सब्जी हेतु उपयोगी है बल्कि यह औषधी गुणों से भी भरपूर है. शरीर में आवश्यक खनिजों की पूर्ति एवं बीमारियां को दूर करने के लिए मुनगा और इसकी भाजी का उपयोग किया जाता है. इसको ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को मुनगा की खेती के लिए प्रेरित किया गया. इच्छुक किसानों को मनरेगा द्वारा उत्पादित मुनगा पौधों का निःशुल्क वितरण उद्यान विभाग के रोपणियों में किया गया. आरंग विकासखंड के ग्राम भिलाई के कृषक अजय शर्मा द्वारा अपने 5 एकड़ के कृषि उद्यानिकी प्रक्षेत्र में मनरेगा योजनान्तर्गत उद्यान विभाग के रोपणी पारागांव एवं मंदिरहसौद से निःशुल्क मुनगा पौधे प्राप्त कर 10 हजार पौधे का रोपण किया गया. उक्त पौधों का उचित रखरखाव, सिंचाई, निंदाई, गुड़ाई खाद उर्वरक देने के पश्चात् वर्तमान में मुनगा पौधे लगभग 10 फीट उंचाई के हो गए है, जो कि फूल की अवस्था पर है. रोपित पौधे से मुनगा फल की व्यावसायिक उत्पादन अगस्त 2020 से प्राप्त होगा जिससे प्रति पौधा का औसतन उत्पादन 30 किलोग्राम प्राप्त होगा। जिसका थोक बाजार मूल्य बीस रू. प्रति किलोग्राम प्राप्त होने की संभावना है. इस प्रकार कुल रोपित 10 हजार मुनगा पौधे से कृषक को कुल आमदनी 60 लाख रूपए प्राप्त होगा. इन तीन वर्षों की मुनगा पौधेरोपण, रखरखाव, सिंचाई, खाद-दवाई, निदाई-गुड़ाई मुनगा फल की तुड़ाई एवं बाजार व्यवस्था हेतु कृषक द्वारा 15 लाख रूपए व्यय होने का अनुमान है. इस प्रकार कृषक को 45 लाख रूपए की शुद्ध आमदनी होना अनुमानित है. ज्ञात हो कि परंपरागत रूप से धान एवं अन्य फसल के उत्पादन में 3 वर्षों में जितना आय होगा उससे कहीं अधिक मुनगा के फसल से आमदनी होगी.