पूर्णतः छत्तीसगढ़ की छटा बिखरी थी कार्यक्रम में – सरकारी तौर पर हरेली के पावन पर्व को पहली बार मनाया गया , आयोजन से कृषक आधारित संस्कृति की छत्तीसगढ़ी पहचान को सम्मान मिला.

रायपुर 31 जुलाई 2019(इंडिया न्यूज रूम)छत्तीसगढ़ की लोक परम्परा के अनुसार आज मुख्यमंत्री

भूपेश बघेल ने हरेली तिहार को धूमधाम से मनाने की शुरुआत की, सिविल लाईन स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज हरेली के अवसर पर सुबह 9 बजे हरेली जोहार का आयोजन शुरू हुआ प्रदेश के विभिन्न लोककला संस्थाओ के रंगबिरंगे परिधानों से सजे कलाकारों , शहरी ग्रामीण जनसमुदाय का जनसमूह त्यौहार के उल्लास का प्रदर्शन कर रहा था गेड़ी पर चढ़े युवाओं का समूह नाचती गाती युवतियों का समूह और पारंपरिक परिधानों से सजे छत्तीसगढ़ी माहौल को अलग ही रंग दे रहे थे.


मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर कृषि यंत्रों की पूजा, हल उठाकर हरेली यात्रा की शुरूआत की गयी .उन्होंने  सावन झूले में बहनों से मुलाकात भी की . इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों द्वारा सुआ, कर्मा, ददरिया और गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी गयी तथा  हरेली गीत भी गाए .

इस  आयोजन में मुख्यमंत्री निवास से बैलगाड़ी में निकले भूपेश श्याम पेट्रोल पम्प के पास उतर गए , फिर    आगे का कार्यक्रम की कमान सम्हाली अधिकारियों ने जो        संस्कृति विभाग कार्यालय, घासीदास संग्रहालय परिसर पहुंच कर  तैयार   थे . मुख्यमंत्री यहां से अपने अगले कार्यक्रमों के लिए प्रस्थान कर गए , बैलगाड़ी यात्रा में उनके साथ कोंटा के विधायक तथा आबकारी मंत्री कवासी लखमा , स्थानीय वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा तथा संस्कृति पर्यावरण  सचिव  अविनाश चम्पावत तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे .

सारे प्रदेश में हरेली का त्योहार परंपरागत हर्ष और उल्लास के साथ पहली बार सरकार के सहयोग से मनाया गया, इस कारण से लोगों को छत्तीसगढ़ियों की सरकार होने का अहसास लगातार बना रहा.

 

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