नईदिल्ली ( एजेंसिया) आखिरकार काश्मीर के मामले में सूत्रों के हवाले से ये बात सामने आ ही गयी कि राज्य में सोमवार से कर्फ्यू लग जाने के कारण मोबाईल , फोन, इंटरनेट सेवाए बाधित हो जाएँगी , सरकार न्यूज एजेंसियों और पोर्टलो का संचालन भी बंद रखने वाली है. धारा 35 ए को ले कर किये जाने वाले परिवर्तनों , 15 अगस्त के पूर्व सुरक्षा प्रावधानों और सीमा क्षेत्रो में हो रही गतिविधियों के मद्देनज़र ये कदम उठाया जा रहा है.हमें मिले एक पत्र में श्रीनगर के चिकित्सालय कर्मियों के लिए कर्फ्यू पास की मांग की गयी है.

विगत कुछ दिनों से इस सम्बन्ध में काश्मीर में किये जाने वाले कार्यवाहियों के सम्बन्ध में तरह तरह की अफवाहे फैल रही थीं . दूसरी ओर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल 5 अगस्त सुबह 9.30 पर केन्द्रीय केबिनेट की आपात कालीन    बैठक 7 लोक कल्याण मार्ग , नै दिल्ली में बुलाई है जिसमे इस सम्बन्ध में बड़ी घोषणा की जा सकती है .

दूसरी ओर जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को लेकर चल रहे कई कयासों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने सर्वदलीय बैटक बुलाई थी . बाद में ये बैठक फारुक अब्दुला के आवास पर हुई. मुफ़्ती ने कहा कि हमें कोई नहीं बता रहा है कि क्या होने वाला है? ऐसे में जम्मू-कश्मीर की सियासी पार्टियों और आवाम को साथ मिलकर हालात का मुक़ाबला करना है. साथ ही उन्होंने बताया कि चूंकि किसी होटल में हमें बैठक की इजाज़त नहीं मिल रही है, इसलिए आज शाम हम घर पर ही सर्वदलीय बैठक करेंगे. महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा कि साथ मिलकर आफत का मुकाबला करना पड़ेगा .

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यात्रियों, पर्यटकों, कामगारों, छात्रों और क्रिकेटरों को कश्मीर से जाने को कहा गया है. कश्मीरियों को राहत देने की कोशिश नहीं की जा रही है. कहां गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत?

बता दें कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि वह राज्य के विशेष दर्जें के साथ छेड़छाड़ ना करें. उन्होंने कहा कि ऐसे कदम के नतीजे अच्छे नहीं होंगे. महबूबा ने अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ शुक्रवार रात को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की थी और उनसे उन ‘अफवाहों को खारिज करने का अनुरोध किया था, जिससे घाटी में भय का माहौल पैदा हो गया है.’ उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए जो कुछ भी बाकी बचा है, उसे भारत, जम्मू कश्मीर की जनता से ‘बलपूर्वक छीनने’ की तैयारी में है.

उधर, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर राज्य के हालात को सामान्य बताया है. उन्होंने कहा है कि अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं, जिसपर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को राज्य के विशेष दर्जे के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. उनकी यह टिप्पणी उमर अब्दुल्ला के साथ हुई मुलाकात के कुछ घंटों के बाद आई थी.

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अंदेशा जताया था कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उनकी पार्टी को भरोसा दिलाया दिया है कि संविधान के ‘अनुच्छेद 370 और 35 ए’ को रद्द किए जाने या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने जैसा कदम उठाने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन मुद्दों पर सोमवार को संसद में केंद्र का आश्वासन चाहते हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर पर राज्यपाल अंतिम प्राधिकार नहीं हैं.

महबूबा मुफ्ती ने भी आर्टिकल 35A पर एकजुट होने की अपील भी की है.

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