बैंकों ने किसके दबाव में माल्या के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करने में देरी की ?

नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली पर विजय माल्या से मिल कर लन्दन जाने के बयान आने के बाद मीडिया में हलचल मची है .भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्ज अदायगी में असफल रहने के मामले से निपटने में उसकी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी गयी. एसबीआई का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऐसी खबरें सामने आयी हैं कि उसे माल्या को देश से भागने से रोकने के लिए फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का सुझाव दिया गया था. लेकिन स्टेट बैंक माल्या के भाग जाने के बाद कोर्ट गया था. माल्या दो मार्च 2016 को देश से भाग गया था जबकि बैंकों के समूह ने इसके चार दिन बाद सुप्रीम कोर्ट अपील की थी कि माल्या को देश से भागने से रोका जाए.

बैंक ने बयान में कहा, ‘‘एसबीआई इस बात से इन्कार करता है कि किंगफिशर एयरलाइंस समेत कर्ज अदायगी नहीं होने के मामलों में उसकी या उसके अधिकारियों की तरफ से कोई कोताही बरती गयी. बैंक ने फंसे पैसों की वसूली के लिए पूरी सक्रियता से व कठोर कदम उठाये हैं.’’ गौरतलब है कि माल्या पर किंगफिशर एयरलाइन पर 17 बैंकों के गठबंधन 9000 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज न चुकाने और कर्ज के पैसे के साथ हेराफेरी के मामले में कानूनी कार्रवाई चल रही है. वह इस समय लंदन में है और उसको भारत लाने की कानूनी कार्रवाई चल रही है.

गौरतलब है लंदन में विजय माल्या ने कहा है कि वह भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे और उनसे कर्ज के सेटलमेंट के बारे में कहा था. माल्या के इस बयान के बाद से मोदी सरकार पर कांग्रेस के हमले तेज हो गए हैं. कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि उन्होंने संसद में देखा था कि विजय माल्या को अरुण जेटली से बातचीत करते देखा था.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुये कहा कि पिछले 48 घंटे के घटनाक्रम में रहस्य की और ज्यादा परतें खुलती जा रही हैं. उन्होंने कहा,  ‘लगता है भाजपा आजकल माल्या उड़, मेहुल चोकसी उड़, नीरव मोदी उड़ का खेल खेल रही है. प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री जेटली की रहस्यमयी चुप्पी अपराध की स्वीकारोक्ति की ओर ईशारा करती है. अरुण जेटली 30 महीनों तक 1 मार्च को विजय माल्या से हुई मुलाकात पर चुप्पी क्यों साधे रहे?सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री के अधीन काम करती है और यदि सीबीआई ने अपनी गलती मानी है तो प्रधानमंत्री कैसे जिम्मेदार नही हैं?

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाते कहा कि जब भगोड़ा विजय माल्या 1 मार्च को वित्त मंत्री को ये कह रहा था कि वो लंदन जा रहा है, तो वित्त मंत्री ने सीबीआई, एसएफआईओ, ईडी को क्यों नहीं बताया? सुरजेवाला ने पूछा कि मोदी सरकार में वो कौन व्यक्ति है जो एसबीआई और दूसरे बैंकों को इस बात के लिये मजबूर कर रहा था कि वो 29 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर न करें? तत्कालीन अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कल कहा है कि विजय माल्या को किसी ने राय दी थी कि वो देश से भाग जाए; वो कौन व्यक्ति है जो माल्या को देश छोड़कर भाग जाने की राय दे रहा था?

 

 

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