•   पूर्व सांसदों की पेंशन पर प्रतिवर्ष 70.50 करोड़ रूपये का खर्च हो रहा है
  •   पैंशनरोंं में फिल्मी सितारे, नामी उद्योगपति, बसपा सुप्रीमो, तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अजय चौटाला भी शामिल
  •   पेंशन ठुकराने वाले देश के एकमात्र पूर्व सांसद हैं एस शरत कुमार (तमिलनाडु)
  •  लोकसभा व राज्यसभा सचिवालयों ने पैंशनर पूर्व सांसदों की संख्या 4796 बताई तो इन्हें पैंशन देने वाले केन्द्रीय पेंशन लेखा विभाग ने यह संख्याा मात्र 1470 बताई। कौन हैं 2618 फर्जी पैंशन पूर्व सांसद?
  •  राज्यसभा ने पैंशनर राज्यसभा सांसदों की सूची सार्वजनिक की। लोकसभा के पैंशनर पूर्व लोकसभा सांसदों की सूची देने से वित्त मंत्रालय का इंकार तो लोकसभा सचिवालय ने पैंशनर पूर्व सांसदों का ब्यौरा उपलब्ध ना होना बताया
  •  पेंशन राशि में एक वर्ष में हुई 21.50 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई, वर्ष 2017-18 में 58.02 करोड़ से वर्ष 2018-19 में बढक़र 70.50 करोड़ हो गई

चंडीगढ़:- आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने लोकसभा, राज्यसभा व वित्त मंत्रालय से आरटीआई में प्राप्त जानकारी से खुलासा किया कि 2178 पूर्व सांसदों की सालाना पेंशन पर 70.50 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं। पैंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दक्षिणी भारतीय फिल्मों के स्टार एस. शरत कुमार इकलौते पूर्व सांसद हैं जिन्होंने स्वेच्छा से पेंशन लेने से इन्कार कर दिया। पैंशनर पूर्व सांसदों में नामी फिल्मी सितारे, उद्योगपति व सभी दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं*।

लोकसभा व राज्यसभा के पैंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भारी फर्जीवाड़ा:-

पूर्व सांसदों की पैंशन बांटने वाला केन्द्रीय पैंशन लेखा विभाग दोनों सदनों के पैंशनर पूर्व सांसदों की कुल संख्या 2178 बता रहा है। तो लोकसभा व राज्यसभा सचिवालय ये कुल संख्या 4796 बता रहे हैं। सवाल है कि ये 2618 फर्जी पूर्व सांसद कौन है? लोकसभा सचिवालय के उपसचिव के.सोना ने अपने 31 दिसम्बर 2019 के पत्र द्वारा लोकसभा पेंशन भोगी पूर्व सांसदों की संख्या 3580 व पारिवारिक पैंशनरों की संख्या 269 सहित कुल संख्या 3849 बताई है। वहीं वित्त मंत्रालय के तहत केन्द्रीय पेंशन लेखा कार्यालय के जनसूचना अधिकारी विनोद कुमार ने अपने 18 दिसम्बर 2019 के पत्र द्वारा यह संख्या सिर्फ 1470 बताई है। पेंशन भोगियों की संख्या के इस फर्जीवाड़े के विरूद्ध कपूर द्वारा अपील करने पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ लेखा अधिकारी जे रघुरामन ने अपने 3 जनवरी 2020 के पत्र द्वारा व लोकसभा सचिवालय के एडिशनल सैक्रेटरी गणपति भट्ट ने अपने 14 फरवरी 2020 के पत्र द्वारा अपने-अपने दावों को ही सही बताया है।

इतना ही नहीं पेंशन भोगी पूर्व लोकसभा सांसदों के नामों की सूची व इन्हें दी जा रही मासिक पेंशन का ब्यौरा देने को कोई तैयार नहीं है। लोकसभा सचिवालय ने पैंशनभोगी सांसदों की सूची केन्द्रीय पैंशन लेखा कार्यालय में होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं केन्द्रीय पैंशन लेखा कार्यालय ने बताया कि यह ब्यौरा देना सम्भव नहीं है। जबकि राज्यसभा सचिवालय ने राज्यसभा के सभी पेंशन भोगी पूर्व सांसदों की सूची व मासिक पेंशन के ब्यौरे की सूचना दे दी है। लेकिन यहां भी घपला है। केन्द्रीय पैंशन लेखा कार्यालय के केन्द्रीय जनसूचना अधिकारी विनोद कुमार ने अपने 23 दिसम्बर 2019 के पत्र द्वारा राज्यसभा के पैंशनर पूर्व सांसदों की संख्या 708 बताई है। तो दूसरी ओर राज्यसभा सचिवालय के निर्देशक पी. नारायणन ने अपने 19 दिसम्बर 2019 के पत्र द्वारा यह संख्या 508+219= 847 बताई है। कपूर ने आरोप लगाया कि लोकसभा व राज्यसभा के पैंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भारी अन्तर व इनके नामों, पेंशन के ब्यौरे को सार्वजनिक ना करना किसी बड़े फर्जीवाड़े का सूचक है। इसकी जांच होनी चाहिए।

भ्रष्टाचार के आरोपों में तिहाड़ जेल में कैद हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला 20,000/-, अजय चौटाला 26,000/- प्रति माह पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व विधायक होने की हैसियत से प्रतिमाह पैंशन हरियाणा सरकार से ले रहे हैं। इनके पुत्र अजय चौटाला भी पूर्व विधायक होने के नाते प्रतिमाह पैंशन ले रहे हैं।

पारिवारिक पेंशन भोगी
राज्य सभा के कुल 239 पूर्व सांसदों के आश्रितों को पारिवारिक पेंशन मिल रही है जबकि राज्यसभा के कुल 508 पूर्व सांसदों पेंशन ले रहे हैं।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कहा कि एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट अनुसार लोकसभा के 88 प्रतिशत सांसद करोड़पति व 43 प्रतिशत सांसद दागी हैं। इनकी औसतन सम्पति 20.93 करोड़ रूपये है। जबकि देश में भीषण आर्थिक मंदी, भीषण बेरोजगारी है। किसान, मजदूर व नौजवान आत्महत्याएं कर रहे हैं। सार्वजनिक उद्योग बेचे जा रहे हैं। देश के निर्माण में अपना सारा जीवन खपा देने वाले मजदूर-किसानों की कोई सामाजिक सुरक्षा व पैंशन नहीं है। ऐसे में पूर्व सांसदों की ये पैंशन तत्काल खत्म होनी चाहिए।
ये है पेंशन का नियम:-

पूर्व सांसद पांच वर्षों की सेवा के लिए प्रतिमाह न्यूनतम 25,000/- रूपये पेंशन लेने के व पांच वर्ष से अधिक की अवधि के लिए प्रत्येक वर्ष की सेवा के लिए 2000/- रूपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन के हकदार हैं।

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