अनिल मालवीय
वरिष्ठ पत्रकार
अगली जंग वाइरस के जरिए । आधुनिक अस्त्र शस्त्र और आर्थिक शक्ति के बल पर पूरी दुनिया को आंख दिखाने और

बात न मानने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने वाले अमेरिका और उसकी हां में हां मिलाने वाले मित्र देश इनदिनों कोरोना वाइरस के कारण खासे परेशान नज़र आ रहे हैं । इस वायरस की कोई दवा इजाद न होने के कारण तमाम देश में नागरिकों की मौत हो रही है । इस पर नियंत्रण के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं । परंतु पूरी तरह सफलता नहीं मिली है । चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वाइरस कुछ हजार लोगों की मौत के बाद नियंत्रण में है । चीन के राष्ट्रपति शीजिंगपिंग ने बीते सप्ताह वुहान का दौरा मात्र एक मास्क पहनकर किया। उनके दौरे के दो दिन बाद वहां दुकानें आदि खोल दी गई ।

चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोना वाइरस पैंतीस सौ किलोमीटर दूर अमेरिका, इटली आदि देश तो पहुंच गया, लेकिन बीजिंग सहित चीन के चौबीस प्रांत तक नहीं पहुंच सका। इस बीच तमाम देशों को आर्थिक झटका भी लगा है।वैश्विक बाज़ार में तमाम नामी कंपनियों को बड़ा घाटा उठाना पड़ा । परंतु ,चीन की कंपनियां लाभ में रहीं। वहीं रूस, उत्तरीय कोरिया, श्रीलंका, नेपाल आदि में इस वायरस की संक्रमण संख्या न के बराबर है । कोरोना वाइरस ने दुनिया के नामचीन साइंटिस्टों के सामने खुली चुनौती पेश की है । साथ ही यह भी दर्शाया है कि अगला युद्ध वाइरस के बल पर हो तो कोई आश्चर्य नहीं होगा ।
भारत सहित दुनियां के तमाम साइंटिस्टों को इस दिशा में गंभीरता से काम करना होगा । क्योंकि एक कोरोना वाइरस ने आधी दुनिया को घुटने के बल पर ला दिया तो इस तरह के और वायरस कितना खतरा पैदा करेंगे इसकी कल्पना ही जा सकती है ।

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