भिलाई में पहली बढ़ी दूरदर्शन की पहली महिला महानिदेशक विजयलक्ष्मी छाबड़ा के साथ पत्रकारिता के स्टूडेंट का संवाद
भिलाई। सेंट थॉमस कॉलेज रूआबांधा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने दूरदर्शन की पूर्व महानिदेशक (डीजी) विजयलक्ष्मी छाबड़ा के साथ एक संवाद सत्र का आयोजन किया। प्राचार्य डॉ एम जी रॉयमन के निर्देशन और विभाग प्रमुख डॉ. अपर्णा घोष के मार्गदर्शन में आमदी नगर हुडको में हुए संवाद कार्यक्रम में श्रीमती छाबड़ा ने स्टूडेंट से जनसंचार के क्षेत्र में संभावनाओं और अपने करियर से जुड़ी चुनौतियों पर बात की।
शुरुआत में विभाग की ओर से अतिथि प्राध्यापक मुहम्मद जाकिर हुसैन ने उनका अभिनंदन करते हुए आयोजन महत्व पर रोशनी डाली और परिचय देते हुए बताया कि श्रीमती छाबड़ा दूरदर्शन की पहली महिला महानिदेशक हैं।
अपनी बात शुरू करते हुए श्रीमती छाबड़ा ने भिलाई के दिनों को याद करते हुए बताया कि बीएसपी कन्या शाला सेक्टर-5 पढ़ाई के दौरान जब 8 वीं में उन्होंने मध्यप्रदेश में टॉप किया और आगे की पढ़ाई के लिए ह्यूमैनिटीज (कला) विषय चयन किया तो स्कूल की प्राचार्य श्रीमती अब्राहम थोड़ा नाराज थी लेकिन मेरे पिता अपने इरादे पर अडिग थे। हालांकि पिता चाहते थे कि मैं आईएएस बनूं लेकिन मुझे बचपन से ही रेडियो के प्रति ज्यादा लगाव था। दिल्ली जाकर मैनें अपनी आगे की पढ़ाई की और भारतीय प्रसारण सेवा (आईबीएस) से अपना करियर शुरू किया,जिसमें पूरे 35 साल आकाशवाणी-दूरदर्शन को देते हुए दूरदर्शन के महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुई।
जनसंचार की मौजूदा स्थिति पर उन्होंने विद्यार्थियों को जानकारी दी कि आज टेलीविजन और रेडियो के साथ-साथ न्यू मीडिया का कार्यक्षेत्र बहुत ज्यादा बढ़ा है। इसके बावजूद दूरदर्शन और आकाशवाणी की आज भी सर्वाधिक घरों तक पहुंच कायम है। उन्होंने बताया कि आज समूचे भारत में 197 मिलियन घरों में टेलीविजन देखा जाता है और देश में टेलीविजन दर्शकों की संख्या 836 मिलियन है। वहीं स्मार्ट फोन आने के बाद से अब हॉट स्टार व नेटफ्लिक्स जैसे एप्प आधारित चैनल भी देखे जाने लगे हैं लेकिन इनकी दर्शक संख्या महज 60 मिलियन है। क्योंकि आज भी दूरदराज के अंचल और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर घरों में परिवार सहित बैठ कर टीवी देखने का चलन कायम है।
उन्होंने अपने कार्यकाल में दूरदर्शन के लिए क्रिकेट प्रसारण के दौरान विज्ञापन स्लॉट के लिए किए गए करार का खास तौर पर जिक्र किया वहीं आमिर खान के शो सत्यमेव जयते का प्रसारण स्टार के साथ-साथ दूरदर्शन पर भी सफलतापूर्वक करवाने से जुड़े रोचक तथ्य भी बताए। स्टूडेंट के सवालों का जवाब देते हुए श्रीमती छाबड़ा ने कहा कि 80 के दशक में अपने शहर भिलाई से दिल्ली जाना मेरे लिए कहीं भी बाधा नहीं रहा बल्कि मेरा मानना है कि भिलाई जैसे छोटे शहरों के बच्चे ही बड़े शहर जाकर बड़ा नाम करते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों के दौर में भावना थी कि देश का निर्माण हो रहा है लेकिन आप लोगों के दौर में देश ने काफी तरक्की कर ली है। इसलिए अब आपकी पीढ़ी के सामने चुनौती इसके संविधान सम्मत स्वरूप को बचा कर रखते हुए प्रगति के पथ पर ले जाने की है। इस संवाद सत्र का संचालन उत्तरा एस. ने किया और अंत में आभार प्रदर्शन सबा खान ने दिया। संवाद सत्र में चंद्रशेखर साहू, सिल्वी बनर्जी, शुभांग दास, विवेक सहारे, अंकित कुमार, सैम्युएल चिले व निशी सान्याल सहित अन्य स्टूडेंट की सक्रिय भागीदारी रही।