आज जन्मदिवस पर शहीद भगतसिंह को याद करते हुए, उनके सपनों का देश कैसा...
स्मृति में प्रेरणा - विचारों में दिशा , शहीद भगत सिंह को उनके विचारों के साथ याद रखना जरूरी
आलेख– सत्यम
भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के...
न्यायपालिका के बड़े हिस्से में संवैधानिक मूल्यों का छीजना
माननीय सदस्य, सड़ांध सचमुच बहुत गहरी है!
(आलेख : सुभाष गाताडे)
"आज भारतीय दो विचारधाराओं से संचालित होते हैं। संविधान की प्रस्तावना में निर्धारित उनका राजनीतिक...
नई संसद में लीक से ताजमहल में लीक की सरकारी खबरों का रिश्ता? माफीनामा...
राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य
1. एक जैकारे का सवाल है बाबा!
यह तो विपक्ष वालों की बहुत ही गलत बात है। राहुल गांधी और विपक्ष...
बालगंगाधर तिलक का गणेशोत्सव कैसे शुरू हुआ था रायपुर में?
श्रम वीरों, शिल्पियों ने गढ़ा रायपुर गणपति के उत्सव में इतिहास
आलेख - गोकुल सोनी
रायपुर में गणेशोत्सव का इतिहास काफी पुराना है। यह कब से...
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कितना नियंत्रण है छत्तीसगढ़ सरकार पर, जनमानस में उठते...
अब सात महीने के बाद सरकार पर सवाल
-आलेख - दिवाकर मुक्तिबोध
पिछले वर्ष 13 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री बने विष्णुदेव देव साय क्या...
यशराज फिल्म्स की ‘ महराज,’ धर्म के बहाने सामाजिक शोषण का इतिहास उजागर
‘महाराज’ : अंधभक्ति, अविवेक और धर्म-सत्ता -- 1
(आलेख : जवरीमल्ल पारख)
ओटीटी प्लेटफार्म 'नेटफ्लिक्स' पर 21 जून 2024 को यशराज फ़िल्म्स की महाराज फ़िल्म रिलीज़...
पलाश सुरजन ‘लोकजतन सम्मान’ से अभिनंदित
'शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान' में सुहेल हाशमी ने सुनाई उर्दू जबान की कहानी, राजेश जोशी ने किया पलाश सुरजन का सम्मान
भोपाल। जनोन्मुखी पत्रकारिता के...
एक दशक के हालात और जिम्मेदार ताकतों की शिनाख्त
परकाला प्रभाकर की महत्वपूर्ण किताब जो हिंदू बहुसंख्यकवाद के ख़तरों और चुनौतियों की शिनाख्त़ करती है.
(आलेख : संजीव कुमार)
ज्यादा दिन नहीं हुए, 'द स्क्रॉल'...
बाबावाद क्यों फलता-फूलता है? हाथरस जैसी घटनाओं के सबक
अन्धविश्वास और अंधभक्ति में तार्किकता का कोई स्थान नही, दुःखद है कि हमारे देश में इस इक्कीसवीं सदी में भी देश का बहुत बड़ा...
दूसरों की रोशनी चुराकर चमकने की निर्लज्ज कोशिशें
(आलेख : बादल सरोज)
अभी तक देशों के अपने राष्ट्रीय पशु, पक्षी, पेड़, पर्वत, झंडे और दीगर प्रतीक चिन्ह होने के रिवाज प्रचलन में हुआ...