धर्म आस्था की जड़ता नहीं जीवंत जीवन शैली बने- स्वामी विवेकानंद
आज धर्म परिधान, परिवेश, संकीर्णता के प्रपंच में उलझकर महत्वाकांक्षा के धुंध में खोते जा रहा है
रायपुर. मेरा ऐसा मानना है स्वामी जी का...
धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो – कृष्णकुमार सिंह की कविताएं
कृष्णकुमार सिंह
धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो
मनचाहा लिख पाने और
न लिख पाने का दर्द भी अज़ीब है
प्रतिबद्धता का प्रश्न,...