अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की ऑनलाइन बैठक आज (सोमवार) होगी, जिसमें इस साल होने वाले आइसीसी टी20 विश्व कप के भविष्य को लेकर निर्णायक दौर की चर्चा होगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को उम्मीद है कि इसे स्थगित किया जाएगा, जिससे कि इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) होने रास्ता खुल सकेगा।

टी20 विश्व कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होना है, लेकिन देश के क्रिकेट बोर्ड ने विक्टोरिया राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मई में ही इस टूर्नामेंट की मेजबानी में असमर्थता जाहिर की थी। भारत में भी कोरोना वायरस के मामलों में काफी इजाफा हुआ है और इसकी संख्या 10 लाख के पार चली गई है, जबकि मृतकों की संख्या भी 26 हजार से अधिक है और अगर ऐसे में आइपीएल का आयोजन होता है तो केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने पर इसका आयोजन यूएई में कराया जा सकता है।

बीसीसीआइ की शीर्ष परिषद के एक सदस्य ने बताया, “पहला कदम एशिया कप को स्थगित करना था जो हो गया। आइसीसी के अब टी20 विश्व कप को स्थगित करने की घोषणा के बाद ही हम अपनी योजना पर आगे बढ़ सकते हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया कह चुका है कि वह टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर अधिक उत्सुक नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद वे फैसला नहीं कर रहे हैं।” BCCI हर कीमत पर आइपीएल का आयोजन कराना चाहती है।

इस साल होने वाले टी20 विश्व कप के ऑस्ट्रेलिया में 2022 में आयोजित किए जाने की संभावना है, क्योंकि फिलहाल भारत 2021 टूर्नामेंट की मेजबानी के अपने अधिकार को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ नहीं बदलना चाहता। ऑस्ट्रेलिया इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं करेगा, यह उस समय स्पष्ट हो गया था जब क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाडि़यों को विश्व कप की जगह सितंबर के अंत में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज की तैयारी करने को कहा था।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उस दौरे के लिए 26 सदस्यीय शुरुआती टीम घोषित भी कर दी है। आइसीसी ने हालांकि कहा है कि वह इतना बड़ा फैसला करने से पहले सभी संभावित विकल्पों पर विचार करना चाहता है और संचालन संस्था का इतने लंबे समय तक इंतजार करना असमान्य नहीं है। आइसीसी के संचालन की जानकारी करने वाले एक सूत्र ने बताया, “पाकिस्तान को 2009 में चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करनी थी। श्रीलंका टीम बस पर आतंकी हमले के बाद सभी को पता था कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड निकट भविष्य में बड़ी प्रतियोगिता की मेजबानी नहीं कर पाएगा।”

उन्होंने कहा, इसके बावजूद आइसीसी ने अपने कर्मचारियों को महीनों तक पाकिस्तान में रखा जबकि दक्षिण अफ्रीका पहले ही टूर्नामेंट की मेजबानी की तैयारी कर रहा था। सभी को पता था लेकिन स्थल बदलने की औपचारिक घोषणा में महीनों लग गए क्योंकि खतरे का आकलन करना नियमों का हिस्सा है। सूत्र ने कहा, आइसीसी नौवें टी-20 विश्व कप को ऐसे ही स्थगित नहीं कर सकता क्योंकि शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के शीर्ष मंत्रियों ने मेजबानी को लेकर उत्सुकता जाहिर की थी।

आइसीसी चेयरमैन पद पर भी विचार

सोमवार को होने वाली बैठक में आइसीसी के अगले स्वतंत्र चेयरमैन के नामांकन की प्रक्रिया पर भी चर्चा हो सकती है क्योंकि शशांक मनोहर ने इस महीने की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया है। पता चला है कि इस पर सहमति नहीं बनी है कि कई उम्मीदवारों के दावेदारी पेश करने पर चयन की पात्रता क्या होगी। आइसीसी बोर्ड के सदस्य ने कहा, बोर्ड एकजुट नहीं है कि फैसला करके के दो-तिहाई बहुमत (नीति से जुड़े फैसलों के मामले पर) का इस्तेमाल किया जाए या 17 बोर्ड सदस्यों के बीच सामान्य बहुमत का नियम लागू हो। बता दें कि इस पद पर बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली भी प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।

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