राज्य में अंधविश्वास के बढ़ते आयोजनों पर अंकुश लगाने की मांग जिला प्रशासन से समय समय पर जागरूक संगठनो द्वारा की जाती रही है , आज राजधानी के 3-4 बड़े अखबारों में पुरे प्रथम पृष्ठ का विज्ञापन प्रकाशित करवा कर इसी तरह एक तथाकथित बाबा के आयोजन की शिकायत की गयी है . अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति रायपुर के अध्यक्ष डाक्टर दिनेश मिश्रा ने आज इसकी लिखित शिकायत जिलाधीश से करके कार्यवाही की मांग की .
प्रति,
जिलाधीश, रायपुर छत्तीसगढ़ ।
विषय: गंभीर बीमारियों का चमत्कारिक इलाज किसी भी समागम में/ प्रवचन से करने के दावे विज्ञापन पर संज्ञान लेकर कार्यवाही की मांग.
माननीय महोदय ,
आज रायपुर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है ,जिसमें दिल्ली के एक तथाकथित बाबा कुमार स्वामी के द्वारा 2 दिनों 9 व 10 मार्च को दुख /रोग निवारण शिविर महासमागम आयोजित करने का समाचार है साथ ही इस विज्ञापन में दुनिया भर के राजनेताओं के साथ खिंचाई गयीअनेक फ़ोटो डाली गई है यहां तक तो फिर भी ठीक है कि कोई व्यक्ति अपनी उपलब्धियों को विज्ञापन के रूप में प्रकाशित कर आम लोगों पर अपना रुतबा जमाना ,अपना प्रभाव जमाना चाह रहा है। पर साथ ही जब वह व्यक्ति अपनी शक्ति का बखान करते हुए विभिन्न गंभीर बीमारियों के ठीक करने की बात प्रचारित करता है, किडनी की पथरी ठीक करने का ,सिर के ऑपरेशन ,कोमा मे पड़े मरीज के ठीक करने ,हार्ट के ब्लॉकेज ठीक करने ,प्रमोशन करने,शादी कराने ,पुत्र प्राप्ति करवाने , भयंकर फंगल लोगों से ग्रस्त हुए हजारों लोगो के स्वस्थ होने जैसी ऐसी झूठी सच्ची घटनाएं प्रकाशित है जो भ्रामक है ,और लोगों कोकिसी भी धार्मिक ,आध्यात्मिक कार्यक्रम में स्वेच्छा से आने भक्ति और अध्यात्म के समागम में सम्मिलित होने की बजाय उनकी शारीरिक बीमारियों को ठीक करने का प्रलोभन देकर लाने के लिए जान बूझ कर डाली गयी है और विश्वास जमाने के लिये राजनेताओ , फ़िल्म कलाकारों ,और यहां तक राजनेताओं ,प्रधानमंत्री, की भी फ़ोटो का चालाकी पूर्वक उपयोग कर लिया गया है. जबकि भारत के चमत्कारिक दवा एवं उपचार अधिनियम 1954 के अनुसार 54 बीमारियों के इस प्रकार चमत्कारिक उपचार का दावा करना और उसका प्रचार करना गैरकानूनी है और इस हेतु दंड का प्रावधान है। दिल्ली में प्रति वर्ष हजारों लोग डेंगू,मलेरिया जैसी बीमारियों से ,प्रदूषण ,दुर्घटनाओ से मृत्यु के शिकार हो रहे है तब कोई ऐसा बाबा ,सामने नहीं आता, देश के विभिन्नअस्पतालों में प्रतिदिन लाखों मरीज उपचार के लिए आते है वहां ऐसे बाबा कदम नही धरते ,ताकि मरीज़ों का तुरंत उपचार हो सके ,हजारों लोगों की भीड़ जमा कर ,मजमा लगाने, और बीमारी ठीक होने की बात नौटंकी के अलावा क्या है।कुछ दिनों पहले सरगुजा में एक कम्बल वाला बाबा भी इसी प्रकार के दावे करता फिर रहा था जिसे सफलतापूर्वक रोका गया , ऐसे शिविरों और समागम के नाम पर चंगाई सभा करने से बहुतअच्छे मेगा स्वास्थ्य शिविर होते है जो शासन और सामाजिक संस्थाओं के द्वारा लगाये जाते हैं और देश विदेश केविभिन्न विशेषज्ञों को बुला कर जरूरत मंद मरीजो का उपचार करायाजाता है जहां एक ओर केंद्र सरकार अपने बजट में नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है , पांच लाख नए स्वास्थ्य केंद्र खोलने ,और मरीजो के उपचार के लिए नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम लागू की है, वही छत्तीसगढ़ में सबको निशुल्क इलाज की योजना संचालित होने की भी बात है ऐसे में कोई बाबा अद्भुत शक्ति से दुख,बीमारी निवारण की बात प्रचारित करता है तो वह विश्वसनीय नही लगता। सोचने की बात है यदि इस प्रकार एक साथ हजारों लोगो को बीमारियों से मुक्ति दिलाना संभव होता तो सरकारों को मेडिकल कॉलेज ,स्वास्थ्य केंद्र ,मेडिकल प्रोटेक्शन स्कीम और स्मार्ट कार्ड जैसी आवश्यकता क्यों पड़ती. इस कुमार स्वामी के ऐसे कारनामों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में पुलिस में रिपोर्ट भी हो चुकी है और इंटरनेट में भी कुछ वेबसाइट में जानकारियां उपलब्ध है . प्रशासन को संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिये .
डॉ.दिनेशमिश्र , अध्यक्ष अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति, रायपुर