रायपुर.10अगस्त19 (इंडिया न्यूज रूम) देश भर में विज्ञान को हतोत्साहित करने के प्रयासों के खिलाफ़ विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाओ के विज्ञान कार्यकर्ताओ, प्राध्यापकों, छात्र छात्राओं तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 9 अगस्त को “ मार्च फ़ॉर साइंस” निकाला गया , इस क्रम में रायपुर में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा ,  ब्रेकथ्रू साइन्स सोसायटी, रायपुर   और विभिन्न संस्थाओ द्वारा आंबेडकर तिराहे, घड़ी चौक से तेलीबांधा तालाब मरीन ड्राइव तक ये मार्च निकाला गया. विज्ञान सभा के राज्य सचिव पी सी रथ ने शुरूआत में बताया कि भारत के संविधान में उल्लेखित होने के बावजूद वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने के बजाय सत्तारूढ़ राजनैतिक ताकतों द्वारा अंधविश्वास और अवैज्ञानिक बातो को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसका भारत का वैज्ञानिक समाज खंडन करता है तथा देश के विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसन्धान तथा शोध को प्रोत्साहित किये जाने पर जोर देता है. विगत कई वर्षों से देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार वैज्ञानिक संस्थाओ का बज़ट कम करती जा रही है तथा मौलिक खोज को प्रोत्साहित करने की बजाय अनुसन्धान के लिए आवंटन कम करती जा रही है ऐसी स्थिति में अन्तराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में कम आविष्कारों के कारण हमें जो आत्मनिभरता विज्ञान के क्षेत्र में हासिल करनी चाहिए वो हम नहीं प्राप्त कर पाएंगे, इस लिए इस विषय में जन चेतना भी बढ़ाना आवश्यक है.

ब्रेक थ्रू सोसायटी के विश्वजीत ने भी कार्यक्रम में संबोधित किया,उन्होंने इस विषय में ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखा कि कैसे 2015  से अमरीका के वैज्ञानिको ने विज्ञान सम्बन्धी नीतियों से जनता के प्रभावित होने के बाद इस तरह के मार्च की शुरुआत की जिसे 2017 से भारत में भी उन्ही कारणों से किया जा रहा है. पूजा शर्मा शर्मा ने युवा साथियों को इस प्रतिरोध को और मुखर बनाने को कहा , छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष तथा वरिष्ठ वनस्पतिशास्त्री प्रो एम एल नायक, उपाध्यक्ष विश्वास मेश्राम , रायपुर इकाई के संयोजक अंजू मेश्राम , कार्यकारिणी सदस्य उमाकांत ओझा , टी मेश्राम, नसीम मोहम्मद तथा सैकड़ो युवा कार्यकर्त्ता मौजूद थे.

बरसते पानी में रैली विज्ञान सम्बंधित नारों के साथ तेलीबांधा पहुंची जहाँ अंजू मेश्राम तथा कुछ अन्य साथियों ने आयोजन के उद्देश्यों के बारे में आम नागरिको को बताया तथा ब्रेकथ्रू सोसाइटी के पर्चे के माद्यम से विस्तृत विवरण दिया गया , भोपाल गैस त्रासदी जैसी दुर्घटनाओ को याद किया गया कि किस तरह वैज्ञानिक चेतना फैलाने से ही इस तरह की दुर्घटनाओ से आम जनता को बचाया जा सकता है रायपुर में बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की गयी.

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