तीन से चार गुना तक अधिक कीमत पर बेच रहे पतंग-धागा
रायपुर। कोरोना वायरस को खत्म करने प्रदेश में लगाया गया लॉकडाउन की वजह से राजधानी रायपुर में विगत कई वर्षों बाद एक बार फिर पतंगों का क्रेज बढ़ा दिया है। हालांकि इस क्रेज का फायदा पतंगों-धागों के थोक व चिल्हर व्यवसायी जो दो से चार गुना तक अधिक कीमतों पर बेचकर उठा रहे है। शाम होते ही शहर के कई इलाको में आसमान पर पक्षियों से ज्यादा अब पतंगे उड़ते दिखायी दे रही है। इससे पता चलता है कि राजधानी रायपुर में पिछले कई वर्षों से पतंग का लगभग लुफ्त हो चुका क्रेज एक बार फिर लॉकडाउन की वजह से वापस लौट आया है। लॉकडाउन में अपने-अपने घरों में कोरोना वायरस से सुरक्षित रहते हुए लोग कैरमबोड, शतरंज, लुडो, सांपसीढ़ी, विडियो गेम सहित कई तरह के खेल खेलकर अपना मनोरंजन कर रहे है।
वहीं इन खेलों के बीच पतंगों का क्रेज भी लौट आया है। पिछले कई वर्षों से पतंग का क्रेज लगभग खत्म हो गया था पर लॉकडाउन की वजह से एक बार फिर शहर में पतंग उड़ाने के क्रेज को बढ़ा दिया है। घर के बच्चो से लेकर युवा व वृद्ध लोग भी पतंग उड़ाने का आनंद उठा रहे है। लॉकडाउन ने शहर में पतंगों का क्रेज तो बढ़ा दिया है पर लॉकडाउन की वजह से चोरी छिपे पतंग व धागा का व्यवसाय करने वाले थोक व चिल्हर व्यवसायी इसका बहुत फायदा उठा रहे है। थोक व्यापारी जहां चिल्हर विक्रेताओं को दोगुना या उससे अधिक दामों पर पतंग व धागों की बिक्री कर रहे है, वहीं चिल्हर विक्रेताओं द्वारा भी तीन से चार गुना अधिक दामों पर ग्राहकों को बेच रहे है। इस तरह थोक और चिल्हर व्यवसायी लॉकडाउन पर ना केवल पतंग व धागा बेचकर खुलेआम शासन के आदेश का उल्लंघन कर रहे है, वहीं इस मुश्किल घड़ी में अधिक दामों पर बेचकर लोगों की जेब भी काट रहे है। इन जगहों पर खुलेआम हो रही बिक्री: वैसे तो लॉकडाउन के दौरान शहर में कई जगहो पर चोरी-छिपे पतंग व धागों की बिक्री हो रही है। पर इन जगहों में तेलीबांधा क्षेत्र, महावीर नगर, बूढ़ातालाब क्षेत्र, श्याम नगर, पचपेढ़ी नाका आदि क्षेत्रों में खुलेआम सबसे ज्यादा बिक्री होने की जानकारी सूत्रों से मिल रही है।