लॉकडाउन के कारण अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े एंप्लॉयी घर से काम कर रहे हैं यानी वर्क फ्रॉम होम (WFH). इस दौरान अक्सर ऐसा हो जाता है, जब सिटिंग पॉश्चर का ध्यान ना रखकर हम अपने आराम को प्राथमिकता देते हैं। खासतौर पर टाइपिंग करते हुए या ऑनलाइन ऐक्टिविटीज के दौरान। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो इस आदत को तुरंत बदलना होगा… नहीं तो लगातार ऐसा करते रहने के कारण आपको मसल्स पेन का सामना करना पड़ सकता है… और डूड, लॉकडाउन खुलने के तुरंत बाद ऑफिस से छुट्टी भी नहीं ले पाओगे! ऐसा बोलना खुद को अजीब लगेगा ना कि मुझे गर्दन दर्द हो रहा है…
तेजी से बदल गई हमारी दुनिया
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया का जीवन अस्त-व्यस्त हो चला है। इस महामारी से अपने एंप्लॉइज को बचाने के लिए ज्यादातर कंपनियां लॉकडाउन तक बंद कर दी गई हैं और जिन सेक्टर्स में वर्क फ्रॉम होम संभव है, वे लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं जो आजकल घर रहकर काम कर रहे हैं तो आपको अपने सिटिंग पोश्चर के साथ ही अपने टाइपिंग पोश्चर का भी ध्यान रखना चाहिए। ताकि मसल्स पेन से बचा जा सके।
सबसे पहले वर्क स्टेशन
-घर पर रहकर ऑफिस का काम करना आसान तो बिल्कुल नहीं होता। लेकिन फिर भी काम तो काम है। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप एक वर्क स्टेशन बना लें। फिर रोज उसी जगह बैठकर ऑफिस की तरह काम करें।
-बेहतर होगा अपने बैठने और काम करने के लिए स्टडी टेबल का यूज करें। क्योंकि स्टडी टेबल और इसके साथ उपयोग होने वाली कुर्सी की ऊंचाई बैठने की सहजता को ध्यान में रखकर डिजाइन की जाती है।
-जरूरी है कि इस दौरान आप अपने बैठने के तरीके का ध्यान रखें। कमर सीधी और कंधे सपाट रखें। इससे आपको गर्दन और कमर के दर्द से बचे रहने में मदद मिलेगी।
लैपटॉप और कंप्यूटर का यूज
-अब ज्यादातर लोग लैपटॉप का उपयोग करते हैं, अगर आप भी इनमें से एक हैं तो बेहतर होगा कि अपने लैपटॉप के साथ एक एक्स्ट्रा कीबोर्ड अटैच कर लें। इससे आपको उंगलियों में दर्द से राहत मिलेगी और आपकी टाइपिंग स्पीड भी बनी रहेगी।
-अगर संभव हो तो आप लैपटॉप की जगह डेस्कटॉप का उपयोग करें। कंप्यूटर के उपयोग से आंखों, गर्दन और कमर के पोश्चर को लंबे समय तक सही रखने में मदद मिलती है। साथ ही कंधे में दर्द की संभावना भी कम होती है।
लैपटॉप उठाना है गर्दन नहीं झुकानी
-घर में रहते हुए हममें से ज्यादातर लोग बेड, सोफा, डायनिंग टेबल या सेंट्रल टेबल पर बैठकर काम कर रहे हैं। इस दौरान अपने शरीर को सही पोजिशन में रखना संभव ही नहीं हो पाता है। डायनिंग टेबल के साथ तो फिर भी आप कुछ वक्त सहज रह सकते हैं लेकिन सेंट्रल टेबल पर लैपटॉप रखकर काम करने से कुछ ही समय बाद गर्दन दर्द हो सकता है।
-इससे बचने के लिए आप अपनी गर्दन झुकाएं नहीं बल्कि लैपटॉप के नीचे कुछ बुक्स, फाइल्स इत्यादि रखकर उसे ऊंचा कर लें। इससे आपको काम करने में भी आसानी होगी और दर्द भी परेशान नहीं करेगा।
माउस का उपयोग करें
अगर आप माउस का यूज नहीं करते हैं तो वर्क फ्रॉम होम के दौरान ऐसा जरूर करें। माउस का उपयोग आपके हाथों की मसल्स पर पडऩेवाला स्ट्रेस कम करता है। साथ ही बार-बार माउस को टच करने के लिए आप जब की-पैड से हाथ हटाते हैं तो आपके हाथ की नर्व्स को मूवमेंट्स भी मिलते हैं।
पोजिशन बदलते रहें
– अगर आपके स्टडी टेबल पर काम करना या लैपटॉप के नीचे बुक्स रखकर काम करना संभव नहीं है तो बेहतर होगा कि आप काम करते वक्त अपनी सिटिंग पोजिशन यानी बैठने का तरीका बदलते रहें।
-कभी बेड या दीवार से पीठ सटाकर बैठें तो कभी लैपटॉप को गोद में रखकर। अगर घर के किसी कॉर्नर में खड़े होकर काम करना संभव है तो कुछ वक्त के लिए उस पोजिशन को भी ट्राई करें।
कुशन की सहायता लें
जब लैपटॉप गोद में रखकर काम करना हो तो इसके नीचे और अपनी पीठ के पीछे दोनों तरफ कुशन्स का उपयोग करें। ये कुशन आपको पीठ दर्द से बचाने में मदद करेंगे। साथ ही शरीर अकड़ा हुआ भी महसूस नहीं होगा।

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