नईदिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जाने माने वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ गुजरात में दर्ज प्राथमिकी के मद्देनजर पुलिस कार्रवाई पर शुक्रवार को रोक लगा दी और राज्य पुलिस से जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गयी सुनवाई के दौरान भूषण की दलीलें सुनने के बाद गुजरात पुलिस को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया। न्यायालय ने राज्य पुलिस को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया। इस बीच खंडपीठ ने भूषण के ख़िलाफ़ किसी प्रकार की पुलिस कार्रवाई और उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी।

गौरतलब है कि श्री भूषण के एक ट्वीट को लेकर सेना के एक सेवानिवृत जवान जयदेव जोशी की शिकायत पर उनके खिलाफ गुजरात के भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी में उन धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सरकारी आदेशों पर बेवजह टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। भूषण ने ट्वीट कर कहा था कि जब जबरन लॉकडाउन के कारण देश को करोड़ों का नुकसान हुआ, तो सरकार दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत धारावाहिकों का प्रसारण शुरू कर लोगों को अफीम खिला रही है।

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