नई दिल्ली:- भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी को भारत लाने की तैयारी अभी तेजी से चल रही है। बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर सोमवार से सुनवाई शुरू हो गई है।

भारतीय जांच एजेंसी CBI और ED के आरोपों पर सुनवाई
यह सुनवाई अगले पांच दिन तक लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में जारी रहेगी। अदालत की ओर से भारतीय जांच एजेंसी CBI और ED के आरोपों पर सुनवाई होगी। 49 साल के नीरव मोदी को मार्च, 2019 में गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में रखा गया है।

अदालतों में वीडियों कांफ्रेंसिग के जरिये सुनवाई
बताया जा रहा है कि भगोड़ा नीरव मोदी लंदन के वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखेगा। दरअसल कोरोना वायरस महामारी की वजह से ब्रिटेन में भी लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। यहां भी अदालतों में वीडियों कांफ्रेंसिग के जरिये सुनवाई चल रही है।

CBI और ED के अधिकारियों का एक दल क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस CPS के साथ संपर्क बनाये हुए है। दरअसल फ्लाइट्स बंद होने की वजह से सुनवाई के लिए भारतीय अधिकारी लंदन पहुंचने में असमर्थ है। लिहाजा CPS की ओर से लंदन कोर्ट के सामने भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है। CBI और ED ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुकदमा चलाने के लिए नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों से आग्रह किया था| भारत और लंदन के बीच प्रत्यर्पण संधि के चलते नीरव मोदी की भारत वापसी संभावनाएं जताई जा रही है।

नीरव मोदी के खिलाफ अतिरिक्त आरोपों पर भी जोर
क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के जरिए भारतीय एजेंसियों ने नीरव मोदी के खिलाफ अतिरिक्त आरोपों पर भी जोर दिया है| इन अतिरिक्त आरोपों में गवाहों को डराना-धमकाना और सबूतों को नष्ट करना जैसे संगीन मामले शामिल है। सीबीआई की ओर से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आग्रह आपराधिक आरोपों खासतौर पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, गवाहों को डराने और सबूतों को नष्ट करने जैसे गंभीर आरोपों पर आधारित है।

भारतीय जांच एजेंसियों के मुताबिक नीरव मोदी के कहने पर उसके सहयोगियों के मोबाइल फोन नष्ट कर दिए गए थे | यही नहीं ये भी आरोप है कि नीरव मोदी ने एक गवाह को धमकी दी थी कि अगर उसने उसके खिलाफ बयान दिए तो उसकी हत्या कर दी जाएगी| भारतीय जांच एजेंसियों ने तथ्यात्मक रिपोर्ट सबूतों के साथ अदालत में पेश की है। इसके पूर्व नीरव मोदी की जमानत याचिका लंदन की कोर्ट पूर्व में 5 बार खारिज कर चुकी है| भारतीय एजेंसियों को उम्मीद है कि नीरव मोदी के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की वजह से उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा| फ़िलहाल इस मामले को लेकर सीबीआई और इंटरपोल अलर्ट पर है।

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