लखनऊ(एजेंसी):- उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को लेकर कांग्रेस महासचिव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। प्रियंका गांधी ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने को कहा था। उनका आरोप है कि यूपी सरकार उन्हें बसें चलाने के अनुमति नहीं दे रही है। वहीं योगी का आरोप है कि कांग्रेस से बसों का डीटेल मांगा गया था लेकिन वह उन्हें नहीं दिया गया। मंगलवार को प्रियंका गांधी ने एक बार फिर से आगरा के बॉर्डर पर बसें लगा दीं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के कार्यालय ने मंगलवार को योगी सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर खड़ी 1000 बसों को दस्तावेज समेत लखनऊ भेजने की उत्तर प्रदेश शासन की मांग राजनीति से प्रेरित है। यह भी आरोप लगाया गया कि लगता है प्रदेश सरकार मुश्किल में फंसे मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती।

कांग्रेस ने कहा दिए दस्तावेज
सोमवार को प्रियंका के कार्यालय से यूपी शासन ने 1000 बसों एवं चालकों के विवरण की मांग की थी जिसे उसने ईमेल के माध्यम से भेज दिया। प्रियंका के कार्यालय के मुताबिक सोमवार रात शासन ने फिर से पत्र भेजकर कहा कि बसों को तमाम दस्तावेजों के साथ लखनऊ भेजा जाए।

सरकार ने कहा लखनऊ भेजे बसें, कांग्रेस ने किया इनकार
कांग्रेस महासचिव के निजी सचिव संदीप सिंह ने सोमवार देर रात उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा, ‘जब हजारों मजदूर पैदल चल रहे हैं और हजारों की भीड़ पंजीकरण केंद्र पर उमड़ी हुई है तब सिर्फ खाली बसों को लखनऊ भेजना न सिर्फ समय की बर्बादी है, बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता भी है।’

आगरा के बॉर्डर जमा होने लगी बसें
कांग्रेस और बीजेपी सरकार की इस पत्राचार लड़ाई के बीच मंगलवार की सुबह प्रियंका गांधी ने आगरा जिले में यूपी बॉर्डर के ऊंचा नगला पॉइंट पर बसों का जमावड़ा शुरू करवा दिया है।

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