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नईदिल्ली। दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व चिकित्सक जे.एन.पांडे की शनिवार को कोरोनावायरस की चपेट में आने के चलते मौत हो गई है। पांडे एक पल्मोनोलॉजिस्ट थे और वह एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रमुख भी रह चुके थे। मंगलवार को उनमें कोरोनावायरस के संक्रमण का पता चला और आज अपने आवास में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह 79 साल के थे।

पांडे वर्तमान समय में सीताराम भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च से जुड़े हुए थे, जो साउथ दिल्ली में स्थित एक मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल है। अस्पताल ने एक ट्वीट में कहा, पांडे अपने घर पर देखरेख में थे और वह ठीक होते भी नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा है कि मौत दिल का दौरा पडऩे के चलते हुई होगी। उनके परिवार और उन सभी के प्रति हमारी गहरी संवदेनाएं हैं, जिन्हें उनकी याद सताएगी।

पांडे में कोमोरबिड कंडीशन था और उनकी पत्नी भी कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थीं, जिन्हें एम्स में ही भर्ती कराया गया है। आज दिल्ली की एक वरिष्ठ चिकित्सक और एपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने एक ट्वीट कर इस खबर को साझा किया। उन्होंने लिखा, यह सुनकर बेहद दुख हुआ कि आज कोविड-19 ने दिल्ली के एम्स में पल्मोनोलॉजी के प्रोफेसर और निदेशक डॉ. जे.एन.पांडे को अपना शिकार बना लिया है। वह मेडिकल वल्र्ड में काफी चर्चित व एक निष्ठावान हस्ती थे। पल्मोनोलॉजी के क्षेत्र में उनके किए गए काम से कई लोगों के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उनके परिवार के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
पल्मोनोलॉजी चिकित्सा के क्षेत्र का वह हिस्सा है, जिसमें श्वसन तंत्र या प्रणाली का उपचार किया जाता है।

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