रायपुर, सीएसआईडीसी में पांच साल पांच महीने की कीर्तिमानी पारी खेलकर सुनील मिश्रा बोर्ड से रिलीव हो गए. शाम राज्य सरकार ने उनका पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में ट्रांसफर किया था. वे वहां मेम्बर सेक्रेटरी बनाए गए हैं.
सीएसआईडीसी से मुक्त होने के साथ ही सुनील मिश्रा लंबी पोस्टिंग का ऐसा रिकार्ड बना गए हैं, जिसे तोड़ना किसी अफसर के लिए शायद ही संभव हो. 94 बैच के आईएफएस सुनील 3 मई 2013 को एमडी बने थे और कल 17 सितंबर को उनका तबादला हुआ. सरकारी नौकरी में किसी एक विभाग या बोर्ड में अब तक कोई भी अफसर इतना लंबा समय तक नहीं रहा है.
जिस बोर्ड में साल, दो साल में एमडी बदल जाते थे, वहां इतने लंबे समय तक मिश्रा यूं ही नहीं डटे रहे. सीएसआईडीसी को उपर ले जाने में उन्होने अद्भूत काम किया. उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल भी सुनील के वर्किंग की सराहना करते हैं. उनके काम का ही नतीजा था कि कि सिकरेट्री कोई भी रहा, उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई.जब वे एमडी बने थे, तब बैजेंद्र कुमार सिकरेट्री इंडस्ट्री थे. उसके बाद सुबोध सिंह और अभी डा. कमलप्रीत सिंह, सबके साथ उनकी ट्यूनिंग जबर्दस्त रही. सीएसआईडीसी के चेयरमैन छगनलाल मूंदड़ा के साथ भी उनका तालमेल बहुत बढ़ियां रहा.वरना, चेयरमैन, एमडी में पहले आए दिन तनातनी चलती रहती थी. चेयरमैन मूंदड़ा कहते हैं, सुनील मिश्रा मेरे लाइफ के पहले अफसर होंगे, जिनकी सब लोग तारीफ करते हैं, हर आदमी उनका कायल है.सीएसआईडीसी के चेयरमैन बने मुझे साढ़े तीन साल से अधिक हो गया, मगर आज तक एक भी व्यापारी, उद्योगपति या कोई आदमी ऐसा नहीं मिला, जो उनके व्यवहार, उनके काम और काम करने की शैली की तारीफ न की हो. वे साफ-सुथरी छबि के अफसर हैं. मूंदड़ा ने कहा कि सुनील के हटने का उन्हें दुख है. वे चाहते थे कि कुछ दिन और वे सीएसआईडीसी में रहते.
सुनील मिश्रा 2013 में एमडी बनाए गए थे. राज्य बनने के बाद 13 साल में जितना काम नहींं हुआ था, सीएसआईडीसी में उन्होंने साढ़े पांच साल में किया.13 साल में मात्र तीन इंडस्ट्रीयल पार्क बने थे। 2013 से 2018 के बीच 15 इंडस्ट्रीयल पार्क बनाए गए.इस दौरान सीएसआईडीसी ने काम करने का अपना स्वरूप भी बदला. देश के बाकी राज्यों की औद्योगिक विकास निगम सिर्फ और सिर्फ उद्योगों को जमीन और अधोसंरचना विकसित करने का काम करती है.सीएसआईडीसी ने इंवेस्टमेंट, प्रमोशन, भारत सरकार से कोआर्डिनेशन, स्टार्टअप जैसे क्षेत्र में आउटस्टैंडिंग काम किया. छोटा राज्य होने के बाद भी सीएसआईडीसी को जेम से खरीदी में देश का तीसरा पुरस्कार मिल गया.
सरकार ने उनके काम को देखकर ही पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का मेम्बर सिकरेट्री बनाया है. यह उनका प्रमोशन ही माना जाएगा. सूबे के सबसे ताकतवर अफसर अमन सिंह इस बोर्ड के चेयरमैन थे.जाहिर है, अमन सिंह रिजल्ट देने वाले अफसरों को ही वे अपनी टीम में रखते हैं.

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