नईदिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के कथित बिचौलिए राजीव सक्सेना की 385 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि उसने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले और मोजर बेयर बैंक धोखाधड़ी मामले में सक्सेना की दुबई के पाम जुबेरिया में एक विला सहित 385 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला और मोजर बेयर बैंक धोखाधड़ी मामले में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सक्सेना की 385.44 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने के लिए अलग-अलग अटैचमेंट आदेश जारी किए।

उन्होंने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति में पाम जुमेरा में विला, दुबई स्थित एक विला, जिसका मूल्य दो करोड़ अरब अमीरात दिरहम (एईडी) है और स्विस बैंक के पांच खातों में जमा 4.555 करोड़ अमेरिकी डॉलर शामिल हैं। सक्सेना को अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर स्कैम के मामले में एक जनवरी, 2019 को संयुक्त अरब अमीरात से भारत लाया गया और उसे पीएमएलए के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। ईडी ने अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर घोटाले और मोजर बेयर बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज अलग-अलग एफआईआर के आधार पर सक्सेना से पूछताछ शुरू की है।

एजेंसी ने कहा कि सीबीआई ने मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ एक अलग प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें रतुल पुरी, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे, अज्ञात लोक सेवक और अज्ञात निजी व्यक्ति शामिल हैं। इन पर बैंक धोखाधड़ी मामले में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि सक्सेना एक हवाला ऑपरेटर था, जो मैट्रिक्स समूह की कंपनियों के रूप में जानी जाने वाली कई कंपनियों के माध्यम से दुबई में कारोबार चलाता था। अधिकारी ने बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले और मोजर बेयर बैंक धोखाधड़ी मामले में सक्सेना की भूमिका सामने आई है।

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