नईदिल्ली। पटाखों से भरा अननानास खिलाए जाने के बाद केरल में एक गर्भवती हथिनी की मौत के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस घटना पर गंभीरता से ध्यान दिया और कहा कि इसकी उचित जांच की जाएगी। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपनी नाराजगी जताते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर लिखा। उन्होंने ट्वीट किया, केंद्र सरकार ने मल्लापुरम, केरल में एक हथिनी की हत्या के मामले पर बहुत गंभीरता से ध्यान दिया है। हम सही तरीके से जांच करने और अपराधी को पकडऩे के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पटाखे खिलाना और मारना भारतीय संस्कृति नहीं है।

27 मई को एक 15 वर्षीय गर्भवती पचीडरम हथिनी एक अमानवीय कृत्य का शिकार हो गई। जब एक व्यक्ति ने एक शक्तिशाली पटाखों से भरा अनानास खिलाया, इससे उसके मुंह में विस्फोट हो गया और वह बुरी तरह चिंघाड़ी। इससे उसकी जीभ और मुंह पर गंभीर चोटें आईं। बाद में वह एक नदी में चली गई और तीन दिनों तक इंतजार करती रही और फिर धीरे-धीरे मौत की ओर बढ़ी। बुधवार को पर्यावरण मंत्री ने हथिनी की मौत पर केरल सरकार से डिटेल रिपोर्ट मांगी और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी तरफ इस घटना की सोशल मीडिया पर जमकर निंदा हो रही, जहां मीम्स में मां हथिनी को यह कहते हुए दिखाया कि यह मानव जाति पर भरोसा करने के लिए उसकी गलती थी, जबकि उसके गर्भ में अजन्मा बच्चा पूछ रहा है, मेरी क्या गलती है, मां?

साइलेंट वैली नेशनल पार्क के वन्यजीव वार्डन सैमुअल पचुआउ ने कहा, पिछले महीने की 23 तारीख को हमें इस घटना के बारे में पता चला, जब हथिनी को नेशनल पार्क के बाहर एक जल स्रोत के पास देखा गया था।
उनके अनुसार, अपराधियों ने एक पाइनएप्पल के अंदर पटाखे रखे थे, जिसे जंगली हथिनी ने खाया था। आवारा जंगली को दूर रखने के लिए ऐसा करना इस क्षेत्र की एक प्रथा है।
पचुआऊ ने कहा, हमने एक पशु चिकित्सक को बुलाया। 25 तारीख को एक हाथी विशेषज्ञ डेविड अब्राहम आए और उन्होंने उसकी जांच करके हमें गंभीर स्थिति के बारे में बताया। यह दो सप्ताह पुराने घाव की तरह लग रहा था और घाव में कीड़े थे।
उन्होंने कहा, हमने वन अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया और दो दिन बाद हथिनी की पानी में बैठे हुए ही मृत्यु हो गई।

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