नईदिल्ली। दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली पुलिस की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है। बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन में बिना इजाजत मरकज का आयोजन किया गया था जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी जमातियों ने हिस्सा लिया था। भारत में कोरोना फैलाने में जमातियों का बड़ा हाथ माना जा रहा है।

जमातियों द्वारा कोरोना फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय से सिफारिश की थी। जिसे गृहमंत्री अमित शाह ने स्वीकार कर लिया है। दिल्ली पुलिस के सिफारिश के अनुसार मरकज में शामिल होने वाले विदेशी जमातियों के भारत आने पर आजीवन के लिए प्रतिबंध लग गया है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
इसके अलावा अपराध शाखा ने मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ जांच तेज कर दी है। जल्द ही मौलाना साद के खिलाफ बड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। बीते सोमवार तक मौलाना साद ने अपराध शाखा को कोरोना टेस्ट की अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी थी। यह भी बताया जा रहा है कि मौलाना साद अभी भी जामिया नगर में परिवार के साथ रह रहे हैं।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तब्लीगी के कार्यक्रम में शामिल होने आए कुल 960 में से 723 विदेशी जमातियों ने ही अपने पासपोर्ट अपराध शाखा में जमा कराए हैं। बाकी विदेशियों ने अपना पासपोर्ट जमा नहीं कराया है।

ये विदेशी जमाती पासपोर्ट के बारे में तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं। हालांकि यह भी हो सकता है कि जो विदेशी जमाती दिल्ली में जिस जगह पर थे वहां की थाना पुलिस ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए हो। अपराध शाखा अब संबंधित थाना पुलिस से संपर्क साध रही है।
अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि सभी विदेशी जमातियों के खिलाफ 14 विदेशी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। सभी विदेशी जमातियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई हो रही है।
ये सभी कोर्ट के आदेश के बाद बनाए गए नौ चरंटीन सेंटर में रह रहे है। ये केंद्र दिल्ली में अलग-अलग जगह बनाए गए हैं। अब विदेशी जमातियों के खिलाफ अगली कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर निर्भर है।

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