मुम्बई। भारत के सबसे उम्रदराज प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बसंत रायजी का शनिवार तड़के निधन हो गया। वह 100 साल के थे। रायजी के दामाद ने उनके निधन की पुष्टि की है। रायजी दाएं हाथ के बल्लेबाज थे। 1940 के दशक में रायजी ने कुल 9 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और कुल 277 रन बनाए थे। रायजी ने मुम्बई के लिए रणजी ट्राफी में बड़ौदा के खिलाफ पारी की शुरूआत की थी। वह 1941 की बाम्बे पेंटेंगुलर की हिंदुज टीम में रिजर्व खिलाड़ी थे। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रायजी ने लेखन किया था। पेशे से वह हालांकि चार्टर्ड एकाउंटेंट थे।

रायजी के दामाद सुदर्शन नानावटी ने कहा, उनका निधन देर रात 2:20 पर हुआ। दक्षिण मुंबई के वालकेश्वर में अपने घर पर उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका निधन उम्रदराज होने की वजह से हुआ। रायजी चार्टर्ड अकाउंटैंट थे, लेकिन क्रिकेट के प्रति अपना प्यार नजरअंदाज नहीं कर सके। उनका डेब्यू मैच ना ही मुंबई की ओर से था और ना ही बड़ौदा की ओर से। उन्होंने अपना मैच क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की ओर से खेला था।

अपने डेब्यू मैच की पहली पारी में वो बिना खाता खोले आउट हुए, जबकि दूसरी पारी में एक ही रन बना सके थे। 1941 में उन्होंने मुंबई की ओर से पहला मैच खेला था। भारत ने जब अपना पहला टेस्ट मैच खेला था, उस समय रायजी 13 साल के थे। इस साल जनवरी में रायजी ने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था। सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ उनके घर बधाई देने पहुंचे थे। सचिन ने उनके साथ एक वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया था।

साल 2016 में बीके गुरुदाचार के निधन के बाद रायजी देश के सबसे वयोवृद्ध प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने थे। इस साल 26 जनवरी को रायजी ने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था और इस जश्न में सचिन तेंदुलकर और स्टीव वॉ शामिल हुए थे। सात मार्च को जॉन मैनर्स के निधन के बाद रायजी दुनिया के सबसे वयोवृद्ध प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने थे।

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