पुरुषों की ही तरह महिलाओं में भी चेहरे पर बाल (फेशियल हेयर) होना सामान्य सी बात है, क्योंकि हमारे शरीर की त्वचा पर सभी जगह हेयर फॉलिकल्स होते हैं. हालांकि सभी महिलाओं के शरीर में बालों का विकास अलग-अलग तरीके से होता है. कुछ महिलाओं में जहां चेहरे पर बेहद पतले, बारीक और छिटपुट बाल होते हैं, वहीं दूसरी महिलाओं में बालों का विकास बेहद घना हो सकता है. बालों के विकास का पैटर्न आपके पारिवारिक इतिहास पर भी काफी हद तक निर्भर करता है. कई बार किसी बीमारी की वजह से भी महिलाओं के चेहरे पर ज्यादा बाल उगने लगते हैं.

महिलाओं के चेहरे और शरीर के दूसरे अंगों पर अत्यधिक बालों के उगने की इस समस्या को मेडिकल टर्म में हिर्सुटिज्म कहते हैं. प्रजनन के उम्र वाली दुनियाभर की करीब 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं में हिर्सुटिज्म की समस्या देखने को मिलती है. आमतौर पर महिलाओं के शरीर में उगने वाले बालों की बनावट बेहद बारीक होती है और उनका रंग भी हल्का रहता है. हालांकि वैसी महिलाएं जो हिर्सुटिज्म की समस्या से ग्रसित हों उनके शरीर में मौजूद बाल बेहद घने, मोटे और गहरे रंग के होते हैं. ये बाल महिलाओं की ठुड्डी पर, साइडबर्न्स यानी कलम की जगह पर, छाती पर, पेट पर, पीठ पर, जांघ के अंदरूनी हिस्सों में हो सकते हैं.
चेहरे पर ज्यादा बाल आने का कारण
वैसे तो महिलाओं में जींस की वजह से चेहरे और शरीर पर ज्यादा बाल उगने लगते हैं, लेकिन कई बार इसके पीछे कोई बीमारी भी जिम्मेदार हो सकती है:
पीसीओएस: महिलाओं के चेहरे पर ज्यादा बाल होने के ज्यादातर मामलों में पीसीओएस या पीसीओडी बीमारी मुख्य कारण होती है. इस बीमारी में शरीर में सेक्स हार्मोन्स का संतुलन बिगडऩे लगता है जिससे चेहरे पर अनचाहे और अतिरिक्त बाल उगने लगते हैं.
एन्जाइम की कमी: महिलाओं के शरीर में एन्जाइम की कमी की वजह मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन की शरीर में अधिकता होने लगती है जिस कारण चेहरे और शरीर पर हद से ज्यादा बाल उगने की समस्या होने लगती है.
हाइपरट्राइकोसिस: इसे वेयरवोल्फ सिंड्रोम भी कहते हैं और यह कई बीमारियों की वजह से भी हो सकता है, जैसे- हाइपोथायराइडिज्म, ऐक्रोमेगाली (शरीर में ग्रोथ हार्मोन की अधिकता), कुपोषण और एचआईवी. हाइपरट्रिकोसिस की वजह से नाक के टिप और कान के पास ज्यादा बाल उगने लगते हैं.
कशिंग्स सिंड्रोम: यह एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें ऐड्रिनल ग्लैंड में गड़बड़ी की वजह से शरीर में कोर्टिसोल जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं ज्यादा बनने लगता है. कशिंग्स सिंड्रोम से पीडि़त महिला में हद से ज्यादा बालों के विकास के अलावा बहुत ज्यादा वजन बढऩा, हाई बीपी और चिड़चिड़ापन भी देखने को मिलता है.
दवाइयां: कई बार कुछ दवाइयों की वजह से भी महिलाओं के शरीर में अनचाहे बालों का विकास होने लगता है. हार्मोनल थेरेपी और एन्डोमेट्रिओसिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां और मल्टीपल इन्फ्लेमेशन के इलाज में इस्तेमाल होने वाले ग्लूकोकोर्टिकोयड्स की वजह से भी महिलाओं के शरीर में बालों का असामान्य विकास होने लगता है.
2. चेहरे के अनचाहे बाल हटाने के टिप्स
जो महिलाएं चेहरे पर मौजूद अनचाहे बालों से छुटकारा पाना चाहती हैं वे हेयर रिमूवल का इनमें से कोई भी तरीका इस्तेमाल कर सकती हैं:
प्लकिंग: प्लकर की मदद से आइब्रो, अपर लिप और ठुड्डी के पास के अतिरिक्त बालों को हटाया जा सकता है, लेकिन अगर चेहरे पर बालों की ग्रोथ ज्यादा हो तो उसमें यह तरीका कारगर साबित नहीं होगा.
शेविंग: चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के लिए आप रेजर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. शेविंग हो जाने के बाद उस हिस्से को पानी से साफ कर मॉइश्चराइजर लगा लें.
क्रीम: डेपिलेटरी क्रीम इस्तेमाल कर अनचाहे बाल हटाने का तरीका दर्द रहित है. क्रीम को बाल हटाने वाली जगह पर लगाएं, स्पैट्यूला से फैलाएं, 5-10 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर स्पैट्यूला की मदद से क्रीम के साथ-साथ बालों को भी हटा दें.
वैक्सिंग: आप चाहें तो घर पर ही वैक्सिंग की मदद से भी चेहरे के अनचाहे बाल हटा सकती हैं. इसके लिए गर्म वैक्स की जगह वैक्सिंग स्ट्रिप का इस्तेमाल कर सकती हैं.
थ्रेडिंग: एक खास तरह के कॉटन धागे की मदद से अनचाहे बालों को एक-एक कर प्लकिंग के जरिए हटाया जाता है. आप चाहें तो पार्लर या सलॉन में जाकर थ्रेडिंग के जरिए अनचाहे बालों को हटवा सकती हैं.
एपिलेटसर्: यह जड़ों से अनचाहे बालों को खींचकर निकालता है. इसे इस्तेमाल करने के दौरान काफी दर्द होता है.
लेजर ट्रीटमेंट: इस दौरान डॉक्टर लेजर लाइट की मदद से हेयर फॉलिकल्स को डैमेज करते हैं. ऐसा करने से बालों की ग्रोथ कम हो जाती है.
इलेक्ट्रोलाइसिस: इसमें डॉक्टर हेयर फॉलिकल्स के बीच से बिजली के करेंट को दौड़ाते हैं जिससे बालों को नुकसान पहुंचता है और वे दोबारा उग नहीं पाते.
ब्लीचिंग: ब्लीचिंग करवाने से चेहरे पर मौजूद अतिरिक्त बाल हटते नहीं हैं लेकिन उनका रंग हल्का हो जाता है जिससे वे कम नजर आते हैं. किसी भी तरह की ब्लीच को सीधे चेहरे पर लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें.
3. अनचाहे बाल हटाते वक्त बरतें सावधानी
शेविंग करते वक्त ध्यान रखें कि आपका रेजर नया हो. जंग वाले रेजर का इस्तेमाल करने से स्किन इंफेक्शन हो सकता है. हॉट वैक्स इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखें कि स्किन उसे सह पाए. ज्यादा गर्म वैक्स इस्तेमाल करने से स्किन जल सकती है. बालों के उगने की विपरित दिशा में शेविंग न करें वरना इससे स्किन के अंदर उगने वाले इन्ग्रोन हेयर की समस्या हो सकती है. शेविंग करने से स्किन ड्राई होने लगती है लिहाजा शेविंग के तुरंत बाद स्किन पर मॉइश्चराइजर लगाएं.

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