चंद रुपये का लालच देकर ग्रामीणों के करोड़ो की जमीन पर कंपनी ने अपशिष्ट पदार्थ का किया भंडारण

दंतेवाड़ा। आर्सेलर मित्तल निपान इंडिया कंपनी के द्वारा किरंदुल में अवैध रूप से लौह अयस्क के अवैध भंडारण की बस्तर कमिश्नर के समक्ष शिकायत दर्ज करायी गयी थी। जिसके बाद कमिश्नर द्वारा जांच टीम बनाकर मौके पर भेजा गया और जांच टीम ने शिकायत को सही पाये जाने की बात सामने आ रही है। मौके पर देखा गया कि पांच हजार रुपये में करोड़ों की जमीन पर आर्सेलर मित्तल निपान इंडिया कंपनी के ठेकेदारों द्वारा ग्रामीणों को बहला-फुसला कर उनकी जमीन पर अपशिष्ट लौह अयस्क का भंडारण कर दिया गया। कृषि योग्य उपजाऊ भूमि को बंजर भूमि तब्दील कर दिया गया। जमीन के भूमिस्वामी को उसका उचित मुआवजा तक नहीं दिया गया।

आर्सेलर मित्तल निपाल इंडिया कंपनी के आदिवासियों के शोषण इस मामले में आदिवासी नेता भी एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं। तालाबो को कंपनी द्वारा अवैध रूप से पाटे जाने पर अपनी नाराजगी दिखायी। मौके पर देखा गया कि कई बड़े-बड़े तालाबों को आर्सेलर मित्तल निपान इंडिया कंपनी द्वारा अपशिष्ट पदार्थों से पाट दिया गया है। एक तरफ जहां सरकार लोक हितों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों का निर्माण करवा रही है। वही यह कंपनी क्षेत्र के तालाबों को अपने अपशिष्ट पदार्थों से पाटती जा रही है। कंपनी का अपशिष्ट पदार्थ लगभग 40 से 50 किलोमीटर के वर्गाकार एरिया में फैला हुआ है।

कई नये प्रभावित सामने आये और उन्होंने अपनी आप बीती जांच टीम के सामने बताया, कि किस प्रकार चंद रुपयों का लोभ देकर कंपनी के लोगो द्वारा कई एकड़ खेत मे लौह अयस्क का वेस्ट मटेरियल डाल दिया गया। ऐसे और भी कई मामले है जहां कंपनी के ठेकेदारो द्वारा ग्रामीणों की जमीन पर अपशिष्ट पदार्थ का भंडारण कर दिया गया। बताया जा रहा है कि कड़मपाल के क्षेत्र में भारी तादात में आदिवासियों की जमीन पर अपशिष्ट डाल दिया गया हैं, जिसका बुरा प्रभाव दिखने लगा है।

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