file photo

नईदिल्ली। कोविड-19 महामारी के बाद से भारतीय रेल का संचालन अब वैसे नहीं हो रहा है, जिसके लिए इसे इस महामारी से पहले जाना जाता था। ऐसे में रेलवे अपने संचालन के लिए कुछ नया प्लान तैयार कर रहा है। वह जीरो बेस्ड पर आधारित सभी ट्रेनों के लिए एक नया टाइमटेबल बना रहा है। इसका अर्थ है कि सभी यात्री ट्रेनों का समयसारणी और उनकी फीच्ेंसी एक बार फिर से तैयार होगी।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे की योजना है कि वह अपनी सभी मेल, एक्सप्रेस और कुछ अन्य ट्रेनों के हॉल्ट (गंतव्य पर पहुंचने से पहले बीच में रुकने वाले स्टेशन) को कम करना चाहता है, ताकि इससे गंतव्य तक पहुंचने में ट्रेनों के यात्रा समय को कम किया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि कुछ मामलों में एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के स्टॉपेज बाद में तय किए जाएंगे। इससे पहले अधिकारी इस बात का आकलन करेंगे कि जिन स्टेशनों को हॉल्ट से हटाने की योजना है, उनसे कितने यात्री चढ़ते हैं और कितने उतरते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जो ट्रेन सप्ताह में एक या दो बार चलती है उनमें से कुछ ट्रेनों को यहां रोका जाए तो यह समझना आसान होगा। कई हॉल्ट्स को तो अतीत में राजनीतिक विचार-विमर्श के बाद ही मंजूरी मिली है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने हाल ही में कहा था कि कोरोना वायरस के कारण इस फैसले को अमल में लाने में देरी हुई, लेकिन इसे लागू किया जाएगा। रेलवे का मानना है कि ट्रेनों को अपने गंतव्य पर पहुंचे से पहले अगर इन हॉल्ट्स को कम कर दिया जाता है तो इससे ट्रेन का यात्रा समय कम हो जाएगा और तब वे लंबी दूरी तक नॉन स्टॉप दौड़ पाएंगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि 151 ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियां करेंगी, जो इस जीरो बेस्ड टाइमटेबल का हिस्सा होंगी।
बहरहाल, रेलवे के कुछ अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि रेलवे मंत्रालय को निजी ऑपरेटरों के लिए टाइम टेबल तय करते हुए ध्यान रखना होगा। यह एयर इंडिया की तरह नहीं होना चाहिए कि हम निजी कंपनियों को उनके सबसे पसंदीदा समय पर ट्रेन चलाने की इजाजत दे दें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here