नईदिल्ली। कोरोना संकट के कारण स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कोरोना के कारण यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट की परीक्षाएं अटकी हुई है, लेकिन गृह मंत्रालय से मिली हरी झंडी के बाद अब यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने फाइनल और सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। कई बदलाव किए गए हैं। यूनिवर्सिटीज के फाइनल पेपर की तारीख बदल गई गई है। वहीं विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षाएं लेने की छूट दी गई है।

यूजीसी ने अपनी नई गाइडलाइंस में कहा है कि फाइनल ईयर के एग्जाम किसी हाल में रद्द नहीं किए जाएंगे। एग्जाम के समय में बदलाव किया गया है। अब सितंबर में फाइनल ईयर के पेपर होंगे। वहीं विश्वविद्यालयों को ये छूट दी गई है कि वो ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से परीक्षा का आयोजन करवा सकते हैं।

यूजीसी ने अपनी नई गाइडलाइंस में कहा है कि इंटरमीडिएट सेमेस्टर के लिए 29 अप्रैल को यूजीसी द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस मान्य होंगी। यूजीसी ने साफ तौर पर कहा है कि परीक्षा का आयोजन हर हाल में किया जाएगा। इससे पहले यूजीसी ने गाइडलाइंस जारी कर 1 से 15 जुलाई के बीच परीक्षा का आयोजन करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। हालांकि पुरानी गाइडलाइंस में बहुत कुछ नहीं बदला गया है।

अपनी गाइडलाइंस में यूजीसी ने कहा है कि विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान परिस्थितियों को देखते हुए ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से छात्रों के लिए एग्जाम का आयोजन कर सकते हैं। जो छात्र बैकलॉग में है उन्हें ये परीक्षा देनी होगा, वो किसी भी माध्यम ( ऑनलाइन या ऑफलाइन) तरीके से एग्जाम में शामिल हो सकते हैं। जो छात्र फाइनल ईयर में है अगर वो किसी कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते हैं तो उन्हें विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान की ओर से स्पेशल परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा।

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