नईदिल्ली। देश भर के विभिन्न फर्जी बाबाओं के आश्रमों में हो रहे गलत काम पर लगाम लगाने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि वह बताएं कि इस मामले में सरकार क्या कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में कहा गया है कि देश भर में कई ऐसे फर्जी आश्रम हैं, जहां आपराधिक गतिविधि होती रहती हैं. बाबा के भेष में कुछ लोग गलत काम करते रहते हैं. कभी कभी मीडिया में उनके कारनामे उजागर होते हैं. फिर भी कई आश्रम गैर कानूनी तरीके से चलते रहते हैं.

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल से कहा, आप देखिए कि सरकार इसमें क्या कर सकती है. इस तरह कि चीजों से सबकी बहुत बदनामी होती है. सॉलिसिटर जनरल की राय आने के बाद इस मामले में दो हफ्तों के बाद सुनवाई होगी.
दरअसल तेलंगाना के रहने वाले एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उसकी बेटी को दिल्ली के एक आश्रम में बंधक बना लिया गया है. वहां के बाबा ने उसको अपने वश में कर लिया है और उसकी बेटी आश्रम नहीं छोडऩा चाहती. उसकी बेटी ने अमेरिका से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है.
याचिका में कहा गया है कि देश भर में ऐसे आश्रम के लिए कोई दिशानिर्देश बनाया जाएं. वहां आने जाने वालों का ब्योरा रखा जाए. जहां भी गलत काम हो रहा है उस पर कार्रवाई हो.

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