रायगढ़। रायगढ़ में एसबीआई बैंक के एटीएम वैन को लूटने के मामले में पुलिस ने सरगना सहित दो अन्य आरोपियों को और गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी रायगढ़ के आंचलिक साप्ताहिक अखबार और एक न्यूज पोर्टल का रिपोर्टर वरुण सिंह है जो कि गैंग का सरगना भी है।

मिली जानकारी के अनुसार तीन जुलाई को लूट की घटना के बाद 4 जुलाई को आरोपी सुधीर सिंह और पिंटू वर्मा की गिरफ्तारी होने के बाद इसकी सूचना सुधीर सिंह के बड़े भाई वरूण सिंह को कोतरारोड पुलिस द्वारा मोबाइल पर दिया गया। सूचना के बाद आरोपी वरुण सिंह ने अपना मोबाइल बंद कर दिया था, जिससे पुलिस को उस पर भी संदेह हुआ। और पुलिस की एक टीम नजर रखना शुरू कर दिया। वहंीं सीसीटीवी फुटेज के साथ ही मोबाइल कॉल डिटेल का एनालिसिस कर रही पुलिस की टीम को घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी के फ ुटेज में वरुण सिंह के साथ एक लड़का नजर आया था तथा कॉल डिटेल में घटना से कुछ मिनट पहले वह एक और आरोपी पिंटू वर्मा से मोबाइल पर बात कर रहा था तथा मैसेज भी कर रहा था।

इन सब कडिय़ों को मिलाकर पुलिस ने वरूण सिंह को उठाया और दो दिन तक उसके साथी रजनीश पाण्डेय से पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी वरुण सिंह अपने साथी रजनीश पाण्डेय के साथ इस अपराध में शामिल होना कबूल कर लिया साथ ही आरोपियों ने पूर्व में यूनाइटेड बैंक लूटपाट में शामिल होना भी कबूल किया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मूलत: बिहार के सिवान जिले का रहने वाला है, पिछले 14 वर्षों से वह यहां रह रहा था। वरूण सिंह ग्लेज ट्रेडिंग इंडिया प्राइेवेट लिमिटेड का फ्रेंचाईजी मेसर्स भवानी ट्रेडर्स के नाम से आजाद चैंाक किरोडीमलनगर में संचालित करता है। वरूण का यूनाईटेड बैंक रायगढ़ में एकाउंट था, बैंक में उसने कम्पनी होल्डर एवं रायगढ़ अंचल साप्ताहिक प्रेस का पत्रकार होने की जानकारी दिया था और बैंक से 17 लाख रूपये का लोन लिया हुआ था। इसके साथ ही मार्केट में भी उसकी लगभग 34 लाख रूपए की देनदारी थी।

आरोपी वरूण सिंह रायगढ़ अंचल साप्ताहिक सामाचार पत्र का आई कार्ड लटकाकर बेरोकटोक बैंक में घुसकर रेकी किया करता था। रायगढ़ में हुई लूट को अंजाम देने के लिए शूटर के रुप में अपने एक साथी रजनीश का इस्तेमाल करने के लिए उसे मार्च में रायगढ़ लाया। वरूण सिंह और रजनीश प्रेस मोटर सायकल में लगातार कैश वैन की रेकी कर रहे थे, प्लान के मुताबिक दिनांक 3. जुलाई को दोपहर कैशवैन सीएमओ तिराहा से गुजरी तब तुरंत वरूण सिंह, पिन्टू के मोबाइल में मैसेज टाईप करके भेजा और वरूण के साथियों ने केश वैन के चालक तथा सिक्यूरीटी गार्ड को गोली मारकर पैसे लेकर भाग गये। उसके आधा घण्टे बाद वरूण और रजनीश एक्टीवा से मौके का जायजा लेने पहुुंचे और भीड़ देखकर समझ गये थे कि काम हो गया। उसके बाद वरूण डोंगाढकेल गांव सुधीर और पिन्टू के पास पहुंचे। आरोपियों का घटना के बाद ओडि़सा के बरगढ़ जाने का प्लान था तथा घटना शांत होने पर वापस बिहार जाने की योजना थी लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने 24 घंटे के भीतर घटना में शामिल अन्य आरोपियों को धर दबोचा था।

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